कुरुक्षेत्र, 7 नवंबर (हप्र)
आशा वर्कर्स यूनियन की जिला प्रधान पिंकी देवी व जिला सचिव कुसम लता ने संयुक्त बयान जारी करते हुए बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिवाली से पहले एनएचएम में कार्यरत कर्मचारियों की सराहना करते हुए सभी कर्मचारियों को सातवें पे कमिशन की सुविधाएं लागू करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि एनएचएम कर्मचारियों ने कोविड-19 महामारी के दौरान ईमानदारी और लगन से कार्य किए हैं। इसलिए हरियाणा सरकार इन कर्मचारियों को सातवें पे कमीशन के लाभ दे रही है, जोकि सराहनीय कदम है। परंतु बड़े खेद की बात है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को एनएचएम में कार्य करने वाली 20000 आशा वर्कर्स के बारे कोई जानकारी नहीं है। सरकार ने महामारी में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों और वर्करों को 5000000 रुपये का बीमा देने की घोषणा की थी, जो केवल घोषणा ही है। किसी भी मृत आशा के परिवार को यह है मुआवजा नहीं दिया गया जो बेहद निंदनीय है।
जिला उप-प्रधान रानी देवी ने कहा कि 17 जून, 2021 को मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि महामारी में कार्य करने वाले सभी एनएचएम कर्मचारियों वर्कर को 5000 रुपये अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की ये घोषणा भी अभी तक घोषणा ही है, इसे वास्तव में लागू नहीं किया गया है। आशा वर्कर्स यूनियन सरकार से मांग करती है कि आशा वर्कर की 50 प्रतिशत राशि की बढ़ोतरी की फाइल को और महामारी में कार्य करने की 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि और मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 5000 रुपये राशि को तुरंत प्रभाव से एनएचएम के कर्मचारियों की घोषणा के साथ जोड़ा जाए। अगर सरकार ने तुरंत प्रभाव से आशा वर्कर की प्रोत्साहन राशि को बढ़ाने की घोषणा नहीं की तो 11 नवंबर को प्रदेशभर में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किए जाएंगे।
आशा वर्करों ने किया विरोध का ऐलान
करनाल (हप्र) : आशा वर्कर यूनियन ने ऐलान किया गया कि अगर शीघ्र ही सरकार ने आशा वर्करों की प्रोत्साहन राशियों में वृद्धि नहीं की तो प्रदेशभर में जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। यूनियन की जिला प्रधान कविता व सचिव सुदेश रानी ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एनएचएम कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सुविधाएं लागू करने की घोषणा की है। आशा वर्करों को भी सभी लाभ मिलने चाहिएं, क्योंकि कोरोना संकट काल में आशा वर्करों से सबसे ज्यादा काम लिया गया। जान जोखिम में डालकर आशा वर्करों ने अपनी ड्यूटी निभाई। मुख्यमंत्री को एनएचएम में कार्य करने वाली 20 हजार आशा वर्कर्स के बारे कोई जानकारी नहीं है। जिन आशा वर्करों ने स्वास्थ्य विभाग की रीड़ बनकर इस महामारी में दिन रात कार्य किया है, और अभी भी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने महामारी में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों और वर्करों को 50 लाख का बीमा देने की घोषणा की थी, जो केवल घोषणा ही है। यूनियन की ओर से कहा गया है कि अगर सरकार ने तुरंत प्रभाव से आशा वर्कर की प्रोत्साहन राशियों को बढ़ाने की घोषणा नहीं की तो 11 नवंबर को प्रदेश भर में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किए जाएंगे।