सोनीपत, 26 मई (हप्र)
मतदान के बाद अब प्रत्याशी व उनके समर्थक जीत-हार की गणना में जुट गये हैं। रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण नेताओं की कोठियों पर दिनभर कार्यकर्ताओं का आना-जाना लगा रहा। प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ एक-एक बूथ के मतदान की रिपोर्ट लेकर चुनावी परिणाम के कयास लगाने मेें उलझे रहे। दिनभर कई बार रिपोर्ट तैयार हुई तो कई बार फाड़ी गई। इस सिलसिले के अगले कई दिन तक जारी रहने की संभावना है। शनिवार को मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रत्याशी से लेकर खास समर्थक बिना देरी करें हार-जीत के समीकरणों की तह में जाने में जुट गये हैं। रविवार को सुबह सवेरे कार्यकर्ता अपने नेताओं की कोठियों पर पहुंचना शुरू हो गये। प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं के साथ उनके एक-एक बूथ, गांव व क्षेत्र में हुए मतदान तथा उसमें से उनकी पार्टी को मिलने वाले मतों को लेकर अनुमान लगाते रहे। कार्यकर्ता अपने प्रत्याशी को कहीं आगे तो कहीं पीछे दिखा रहे थे। घंटों के अनुमान, विचार-विमर्श के कई-कई दौर चलने तथा पेपरों में अनेक कटिंग के बाद जैसे-तैसे रिपोर्ट तैयार होती तो कुछ कार्यकर्ताओं की सहमति न बनने पर उसे फाड़ दिया जाता और फिर नए सिरे से रिपोर्ट तैयार करने का सिलसिला शुरू हो जाता।
अनुभवी कार्यकर्ताओं का आंकलन होता है परिणाम के नजदीक
बतौर मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे प्रो. विरेंद्र सिंह बताते हैं कि आम आदमी को भले ही हार-जीत की गणना का यह तौर-तरीका खेल लगे मगर अनेक अवसरों पर गणना चुनाव परिणाम के नजदीक होती है। उन्होंने बताया कि चाटुकार किस्म के कार्यकर्ता चुनावी नतीजों पर नेताओं को दिगभ्रमित कर देते हैं। इसकी बजाय अनुभवी कार्यकर्ताओं की मदद से रिपोर्ट तैयार की जाये तो चुनाव परिणाम का पूर्वानुमान लगाना थोड़ा आसान हो जाता है।