दिल्ली में मंथन शुरू, केंद्रीय पर्यवेक्षक दे रहे फीडबैक
राहुल गांधी के पास जाएगी फाइनल रिपोर्ट, इसके बाद ही तय होंगे नाम
हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ आखिरी दौर में बातचीत संभव
फ्लैग : कांग्रेस को जल्द मिलेंगे जिलाध्यक्ष, संगठन सृजन प्रक्रिया तेजदिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 10 जुलाई
हरियाणा में कांग्रेस ‘संगठन सृजन कार्यक्रम’ के तहत पार्टी नेतृत्व ने जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया तेज कर दी है। प्रदेश के सभी 22 जिलों में ग्राउंड से फीडबैक जुटाने के बाद हाईकमान अब केंद्रीय पर्यवेक्षकों से फीडबैक ले रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ वन-टू-वन मीटिंग कर रहे हैं। इस दौरान जिलाध्यक्षों के लिए बनाए गए पैनल में शामिल सभी चेहरों पर बातचीत की जा रही है।
बातचीत का यह दौर अगले एक-दो दिन और भी चल सकता है। माना जा रहा है कि इसके बाद प्रदेश प्रभारी की ओर से केंद्रीय पर्यवेक्षकों की ओर से बनाए गए पैनल की छंटनी करके फाइनल पैनल पार्टी नेतृत्व को सौंपे जाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी फाइनल पैनल में शामिल नामों पर चर्चा करेंगे। इसके बाद पार्टी द्वारा जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की जाएगी।
बताते हैं कि राहुल गांधी के पास फाइनल रिपोर्ट जाने से पहले केसी वेणुगोपाल और बीके हरिप्रसाद हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी बातचीत कर सकते हैं। प्रदेश में पिछले करीब 11 वर्षों से पार्टी संगठन का गठन नहीं हो पाया है। पार्टी की गुटबाजी व कलेश की वजह से ही संगठन नहीं बन सका। इसी वजह से इस बार राहुल गांधी ने खुद संगठन गठन का मोर्चा संभाला। उन्होंने चंडीगढ़ आकर केंद्रीय व प्रदेश पर्यवेक्षकों के साथ बैठक भी की।
इसके बाद राहुल गांधी नई दिल्ली में भी केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ बैठक कर चुके हैं। दूसरे राज्यों के वरिष्ठ नेताओं को हरियाणा में जिलावार केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया है। इन नेताओं ने जिलों में पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करके जिलाध्यक्ष को लेकर फीडबैक लिया। इसी दौरान उन नेताओं से आवेदन लिए गए, जो जिलाध्यक्ष बनना चाहते थे। प्रदेशभर में 1100 से अधिक नेताओं ने इस पद के लिए आवेदन किया।
बने थे छह-छह के नाम के पैनल
छंटनी के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने जिलाध्यक्ष के लिए छह-छह के नाम के पैनल बनाए। ये पैनल प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद को सौंपे जा चुके हैं। अब केसी वेणुगोपाल और बीके हरिप्रसाद इन पैनलों पर पर्यवेक्षकों के साथ वन-टू-वन चर्चा कर रहे हैं। बताते हैं कि पैनलों को शॉर्ट-लिस्ट करके उनमें तीन-तीन नाम रखे जाएंगे। इसके बाद राहुल गांधी के सामने ये फाइनल पैनल जाएंगे। राहुल गांधी की मौजूदगी में ही यह तय होगा कि किसे जिलाध्यक्ष बनाया जाना है।
अपनाया गुजरात फार्मूला
प्रदेश कांग्रेस में जिलाध्यक्षों के चयन को लेकर पार्टी नेतृत्व ने गुजरात का फार्मूला अपनाया है। हरियाणा में नियुक्त किए गए केंद्रीय पर्यवेक्षकों में से कई ऐसे नेता हैं, जो पहले गुजरात में संगठन सृजन कार्यक्रम का हिस्सा रह चुके हैं। माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी को देखते हुए सभी नेताओं के समर्थकों की एडजस्टमेंट के लिए जिलाध्यक्ष के साथ कार्यकारी जिलाध्यक्ष भी नियुक्त किए जा सकते हैं। प्रदेश के स्तर पर भी तीन कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष बनाए हुए हैं।
प्रदेशाध्यक्ष का फैसला भी लंबित
जिलाध्यक्षों की चयन प्रक्रिया के साथ-साथ प्रदेशाध्यक्ष का फैसला भी लंबित है। पिछले साल अक्तूबर में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से लेकर अभी तक कांग्रेस विधायक दल के नेता का चयन भी नहीं हो पाया है। बताते हैं कि जिलाध्यक्षों के नाम फाइनल होने के साथ ही सीएलपी लीडर और प्रदेशाध्यक्ष पर भी निर्णय हो सकता है। इन दोनों पदों पर निर्णय इसलिए लटका है क्योंकि पार्टी जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साधने की जुगत में है।