36 साल से नहीं बना अपंग पुनर्वास केंद्र, अब क्रिटिकल केयर यूनिट की तैयारी
जींद, 6 अप्रैल (हप्र)
जींद के सिविल अस्पताल में लगभग 36 साल पहले तत्कालीन राज्यपाल एचए बरारी के हाथों जिस अपंग पुनर्वास केंद्र का शिलान्यास हुआ था, वह बन ही नहीं पाया। अब इस साइट से वह शिलान्यास पत्थर भी हटाया जाएगा, जिस पर इसकी अधूरी दास्तां लिखी है। 16 अगस्त 1989 को तत्कालीन राज्यपाल बरारी ने केंद्र का शिलान्यास किया था। यह अपंग पुनर्वास केंद्र उन दिव्यांगों के लिए बनना था, जिन्हें कई तरह के कृत्रिम अंगों की जरूरत पड़ती है। ऐसे कृत्रिम अंग इसी अपंग पुनर्वास केंद्र में बनने थे और दिव्यांगों को दिए जाने थे। जिला रेड क्रॉस सोसायटी को इसका संचालन करना था, और इसके लिए जमीन जींद के सिविल अस्पताल में मुहैया करवाई गई थी। शिलान्यास पत्थर लगाने के बाद निर्माण के नाम पर केवल जमीन में नींव भरी गई। नींव भरने के बाद आगे कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। उस साइट पर अब 50 बेड की क्रिटिकल केयर यूनिट बनेगी। इसकी साइट को फाइनल कर ड्राइंग बना दी गई है। सिविल अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट के लिए यह साइट फाइनल होने के बाद जींद के सिविल सर्जन कार्यालय ने लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता को पत्र लिखकर इस साइट से पूर्व राज्यपाल के शिलान्यास पत्थर को हटवाने का अनुरोध किया है। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया के अनुसार सिविल अस्पताल परिसर में जिला प्रशिक्षण केंद्र के सामने क्रिटिकल केयर यूनिट की बिल्डिंग बनेगी। क्रिटिकल केयर यूनिट के लिए यह साइट फाइनल हो चुकी है। इसकी ड्राइंग भी तैयार कर दी गई है। लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता को इस साइट से पूर्व राज्यपाल का शिलान्यास पत्थर हटवाने का अनुरोध किया गया है।