करनाल, 27 जून (हप्र)
मुख्यमंत्री आवास की और कूच करने का प्रयास कर रहे प्रदेश के दिव्यांगों और पुलिस कर्मियों के बीच सोमवार को जमकर झड़पें हुई। इस दौरान सड़क पर गिरने से कुछ दिव्यांगों को चेाट आई और भारतीय दिव्यांग संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीटू कश्यप सहित कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। करनाल में 87 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे दिव्यांगों ने आज चंडीगढ़ कूच का ऐलान
किया था। इस दौरान उत्तर प्रदेश और हिमाचल के दिव्यांग संगठनों के नेता भी उन्हें समर्थन देने पहुंचे। पुलिस जवानों ने दिव्यांगों के कूच को रोकने के लिए सचिवालय के निकट सैक्टर 12 में बेरिकेटिंग कर दी और यहीं पर दोनो पक्षों के बीच हुई कहासुनी के बाद झड़पे शुरू हो गई। दोनो और से हुई धक्कामुक्की के बीच पुलिस ने जब कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना शुरू किया तो दिव्यांग भी अड़ गये। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने का समय नही दिया जाता, वह सड़क पर बैठे रहेंगे। दो घंटे तक चली खींचतान के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल के स्थानीय प्रतिनिधि संजय बठला दिव्यांगों से बातचीत करने के लिए पहुंचे और उन्होंने एक हफ्ते का समय मांगा। इस बारे में दिव्यांगों को एक पत्र देकर उन्हें मुख्यमंत्री से मिलवाने का आश्वासन दिया गया। विकलांग कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष चरण सिंह ने कहा कि वह एक अप्रैल से करनाल में धरने पर बैठे हैं। मुख्यमंत्री के स्थानीय प्रतिनिधि संजय बठला व उपायुक्त के माध्यम से सरकार को अपना 18 सूत्री मांगपत्र दे चुके हैं। उनकी मांगों में दिव्यांगों को रोजगार के अलावा मुफ्त बिजली-पानी ,बीपीएल राशन कार्ड और 100 गज का प्लाट शामिल हैं। सरकार सुनवाई नहीं करती।
हिरासत में लिया, छोड़ा
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गये भारतीय दिव्यांग संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीटू कश्यप ने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन पुलिस ने ही माहौल खराब किया। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने एक सप्ताह का समय मांगा है। अब भी बात नही बनी तो देश भर के दिव्यांग चंडीगढ़ की और कूच करेंगे। सिविल लाइन थाना प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि सचिवालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगों के प्रदर्शन को उग्र होते देख बैरिकेड्स लगाये गये थे। इस दौरान कुछ लोगों को पुलिस द्वारा हिरासत में भी लिया गया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।