Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

पांच गांवों को जोड़ने वाले रास्ते पर भरा गंदा पानी, लोग परेशान

अमृत सरोवर योजना पर खर्च किया डेढ़ करोड़ रुपया व्यर्थ गया
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
बावल क्षेत्र के गांव शाहपुर में गलियों में भरे गंदे पानी के बीच से गुजरते लोग। -हप्र
Advertisement

रेवाड़ी, 28 नवंबर (हप्र)

बावल क्षेत्र के गांव शाहपुर में गंदे पानी के जोहड़ को स्वच्छ बनाने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से पानी के ट्रीटमेंट की योजना बनाई गई थी। लेकिन यह योजना धरातल पर नहीं उतरी, जिसका नतीजा यह हुआ कि सीवर सिस्टम फेल होने के कारण गांव के गलियारे गंदे पानी से लबालब हैं। लोगों का जीना दूभर हो गया है। यह जलभराव उस मार्ग पर है, जो 5 गांवों को जोड़ता है।

Advertisement

गांव शाहपुर में लगभग 450 घरों की आबादी है। कोरोना काल में गांव के जोहड़ के गंदे पानी को ट्रीटमेंट कर अमृत सरोवर में डालने की योजना बनाई गई थी। इस पर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च भी हो गए। इस योजना से पूर्व गांव का गंदा पानी सीवर सिस्टम के माध्यम से जोहड़ में पहुंच रहा था लेकिन योजना सिरे नहीं चढ़ पाई और सीवर सिस्टम ठप हो गए। नतीजा यह हुआ कि लोगों के घरों का गंदा पानी हर गली में व मुख्य मार्ग पर जमा हो गया। इस गंदे पानी के बीच से ही लोग गुजरने को मजबूर हैं।

गांव के सूबेदार महासिंह, ओमप्रकाश, पोहप सिंह, पृथ्वी सिंह, सुंदर सिंह, सूबे सिंह, भगवती ने कहा कि अमृत सरोवर योजना के लिए खर्च किये गए डेढ़ करोड़ रुपये व्यर्थ हो गए। सीवर जाम पड़े हैं। ग्राम पंचायत को सीवर साफ कराने के लिए गुरुग्राम से 60 हजार रुपये खर्च कर मशीन मंगवानी पड़ती है लेकिन कुछ ही दिनों के बाद सीवर पुन: जाम हो जाते हैं। ग्राम पंचायत बार-बार 60 हजार रुपये खर्च करने में असमर्थ है। गंदे पानी के कारण बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। बच्चे मच्छरों के प्रकोप से बीमार हो रहे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों व खेतों में काम करने वाली महिलाओं के लिए यह गंदा पानी मुसीबत बना हुआ है। उन्होंने मांग की कि गंदे पानी की समस्या का तुरंत समाधान किया जाए, अन्यथा ग्रामीणों का आंदोलन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत बावल खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी से भी की गई है, लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं हुआ है।

Advertisement
×