रोहतक, 27 मई (हप्र)
गुणवत्तापरक पाठ्य सामग्री, सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं, ई-व्याख्यान प्रणाली, बेहतरीन सेवाओं पर ध्यान रखकर दूरस्थ शिक्षा माध्यम की शिक्षा को प्रभावी बनाया जा सकता है।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने बृहस्पतिवार को दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीई) तथा डिजीटल लर्निंग की समीक्षा तथा मंथन बैठक में ये आह्वान किया। ऑनलाइन माध्यम द्वारा इस मंथन बैठक का आयोजन किया गया।
मदवि कुलपति ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय भविष्य में क्वालिटी कंटेंट तैयार करने पर ध्यान दें। डीडीई के विद्यार्थियों की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करना भी डीडीई कार्यालय का कार्य होना चाहिए।
कुलपति ने कहा कि पाठ्य सामग्री विडियो लेक्चर, ऑनलाइन मेटेरियल के रूप में भी उपलब्ध कराना होगा। भविष्य में ऑनलाइन परीक्षा की व्यवस्था करनी होगी। ऐसा कुलपति प्रो. राजबीर सिंह का कहना था। इस अवसर पर डीडीई को आईटी एनेब्लड एजुकेशन सेंटर बनाने का आह्वान कुलपति ने किया।
इस ऑनलाइन बैठक की शुरुआत में में निदेशक डीडीई प्रो. नसीब सिंह गिल ने डीडीई बारे प्रेंजेंटेशन दी। प्रो. गिल ने वर्तमान में संचालित किए जा रहे पाठ्यक्रमों के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं का उल्लेख किया।
बैठक में मौजूद रहे कई अधिकारी, प्राध्यापक
बैठक में कुलपति के सलाहकार प्रो. ए.के. राजन, डीन, एकेडमिक एफेयर्स प्रो. नवरतन शर्मा, डीन सीडीसी प्रो. ए.एस. मान, लाइब्रेरियन डा. सतीश मलिक, डीन हूमैनिटीज एंड आर्ट्स प्रो. हरीश कुमार, निदेशक आईक्यूएसी प्रो. बी. नरसिम्हन, निदेशक एफडीसी प्रो. सुरेन्द्र कुमार, इतिहास विभागायक्ष प्रो. जेएस धनखड़, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, लाइब्रेरी एंड इंफोर्मेशन साइंस विभाग के अध्यक्ष प्रो. एनके स्वैन, सीएलएएस उप निदेशिका डा. दिव्या मल्हान ने अपने इनपुट्स दिए। इस अवसर पर समन्वयक डीडीई डा. विनय मलिक भी मौजूद थे। वहीं दूसरी ओर, ऑनलाइन बैठक में परीक्षा नियंत्रक डा. बीएस सिन्धु, डीडीई के अधिकारीगण, विभागीय समन्वयक, डीएलसी समन्वयक, डीएलसी उप निदेशक एवं अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।