सुभाष पौलस्त्य/निस
पिहोवा 1 अप्रैल
अमावस्या पर्व पर स्नान के साथ ही पिहोवा में चल रहा तीन दिवसीय चैत्र चतुर्दशी मेला संपन्न हो गया। आज अमावस पर्व पर लगभग दो लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं ने सरस्वती में स्नान व पिंडदान किया। इस बार पिहोवा मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को भारी निराशा हाथ लगी। हर साल की तरह बहने वाले बहते जल को प्रशासन ने बंद कर दिया। जिस कारण सरोवर में पानी के बीच में पहले ही दिन भारी गंदगी तैरने लगी। लाखों लोगों द्वारा स्नान करने के कारण पानी खराब हो गया जिसका लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ा। इतना ही नहीं आज सुबह ही किसी शरारती तत्व ने एक कुंड में से सरोवर का काफी पानी बाहर निकाल दिया। जिस कारण सरोवर की सीढ़ियों से पानी नीचे उतर गया। जैसे ही यात्री सीढ़ियों पर गए तो वह फिसलकर गिरने लगे, जिससे कई श्रद्धालु घायल हो गए। बाद में वहां से गंदगी को हटाया गया। तेल के कारण भी सीढ़ियों में फिसलन रही। हैरानी की बात है कि प्रशासन को पहले ही सूचित कर दिया था कि तेल के कारण कुव्यवस्था फैल सकती है, लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। लोगों की भारी भीड़ के बीच दोपहिया व तीन पहिया चालक अपने वाहन चलाते रहे जिससे लोग व तीर्थ यात्री परेशान हुए।
गंदगी की रही भरमार
सफाई न होने के कारण मेले में गंदगी की भरमार रही। नालियां अवरुद्ध होने के कारण पानी सड़कों पर ही फैल गया। तीर्थ के आसपास सड़क के बीच में लेटे भिखारियों ने मार्ग को बंद कर दिया। जिससे तीर्थयात्री अति परेशान हुए । मेले में जेब कतरों की भारी भरमार रही। जेब कटने के कारण अनेकों श्रद्धालु रोते नजर आए। श्रद्धालु प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधों से नाखुश दिखाई दिए। वही खेलमंत्री संदीप सिंह ने अपने भाई विक्रम जीत के साथ सरस्वती तीर्थ पर पूजा की तथा मंत्रोच्चारण के बीच दीपदान किया। इस बार 2 साल बाद लगे मेले के कारण गरीब लोगों में भारी खुशी दिखाई दी। चाय तेल धागा दीपक बेचने वाले सैकड़ो गरीब परिवारों को रोजगार मिला।