नूंह/मेवात, 7 नवंबर (निस)
जिला में रबी फसलों की बुआई के काम ने रफ्तार पकड़ रखी है, लेकिन अभी भी कई जगहों पर खड़े पानी व सेम के अलावा डीएपी खाद न मिलने से धरतीपुत्र के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ी हुई हैं। जिले में सिंचाई के पर्याप्त साधन न होने व अधिकांश क्षेत्रों में भूमिगत जल खारा होने से किसान बारिश आधारित ही फसलों की अधिक बुआई करता है लेकिन इस बार बेमौसमी बारिश व मौसम माकूल ना रहने से खरीफ के साथ-साथ अब रबी फसलों की बिजाई भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। कई किसानों ने जैसे-तैसे सरसों की बिजाई कर ली थी और फसल अंकुरित भी हो चुकी है लेकिन कई क्षेत्र के किसानों पर बारिश के पानी निकासी, सेम, डीएपी की समस्या का हल न होने से वह सरसों की बिजाई नहीं कर सके हैं। किसानों की मानें तो अब बिजाई करने से उनको औसतन 5 से 10 मन उपज का घाटा होगा।
दारा, धर्मपाल, लीलू, जाकिर, यासीन, इलियास, अली मोहम्मद आदि किसानों का कहना है कि जिला में रबी फसलों की बुआई के काम ने रफ्तार पकड़ रखी हैं, लेकिन अभी भी कई जगहों पर खड़े पानी व सेम के अलावा डीएपी खाद न मिलने से फसलों को लेकर चिंता हो रही है।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी
उपमंडल कृषि अधिकारी भगवान दास गौतम बताया कि जिले में डीएपी खाद का स्टॉक शून्य है और दिवाली का अवकाश होने से आपूर्ति प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि जिले के थानों, चौकियों में डीएपी खाद की पर्चियां काटी जा रही हैं। डिमांड अधिक और खाद कम होने से व्यवस्था बनाने के लिए ऐसा सब किया जा रहा है।