मुकेश टंडन/ट्रिन्यू
पानीपत, 18 जून
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने पुलिस को शारीरिक रूप से फिट रखने के लिए सभी एसपी को आदेश दिया कि वे पूरे राज्य में 40 वर्ष से कम आयु के ऐसे पुलिस कर्मियों की पहचान करें, जिनका वजन अधिक है और उनके पेट की चर्बी ज्यादा है। डीजीपी ने उन्हें फिट बनाने के लिए विशेष शारीरिक प्रशिक्षण (पीटी) देने का भी निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के डीजीपी से कहा है कि वे सभी एसपी से मोटे पुलिस कर्मियों की रिपोर्ट मांगें। इस संबंध में आई एक रिपोर्ट में सामने आया था कि अधिक वजन वाले पुलिसकर्मी नशे एवं अन्य संदिग्ध मामलों में लिप्त अपराधियों का पीछा नहीं कर पाते।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि मोटे हो चुके पुलिसवालों को फिट रखने के लिए चिकित्सकीय देखरेख में शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाए। यह प्रशिक्षण 40 वर्ष से कम उम्र के पुरुष और महिला दोनों कर्मियों को दिया जाये। हाईकोर्ट ने इसके लिए तीन
महीने की समय सीमा भी तय की है। इसके बाद डीजीपी ने राज्यभर के सभी एसपी से विवरण मांगा। डीजीपी के आदेश के बाद पानीपत के एसपी ने विभिन्न थानों और यूनिटों में तैनात दो महिला पुलिसकर्मियों समेत 30 ऐसे पुलिस कर्मियों की पहचान की है, जिनके पेट की चर्बी हद से ज्यादा है।
एसपी शशांक कुमार सावन ने इन सभी पुलिस कर्मियों को सुबह 5.30 बजे से 6.15 बजे तक पुलिस लाइन में विशेष पीटी सत्र में शामिल होने का निर्देश दिया। एसपी ने पीटी सत्र की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराने के भी निर्देश दिए हैं। सावन ने कहा कि कई और पुलिसकर्मियों की पहचान करने की प्रक्रिया जारी रहेगी। उधर, सोनीपत के एसपी हिमांशु गर्ग ने कहा कि सोमवार की परेड को फिर से शुरू कर दिया गया है। यह फिटनेस परेड कोविड के कारण रुकी हुई थी। उन्होंने कहा कि सभी पुलिसकर्मी हर सोमवार को पुलिस लाइन में इकट्ठा होते हैं और उनकी फिटनेस बनाए रखने के लिए हर हफ्ते परेड, पीटी और रनिंग का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा पुलिस को फिट रखने के लिए मेडिकल चेकअप कैंप, गेम्स, वीकली ऑफ सहित कुछ अन्य प्रयास भी शुरू किए गए हैं।
ऐसे मापते हैं फिटनेस
फिटनेस की पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की गणना करना है। इसमें 25 को सबसे अच्छा बीएमआई माना जाता है। असल में बीएमआई एक तरह का कैलकुलेटर है। इसके जरिए शरीर में मौजूद फैट का अनुमान लगाया जाता है। इसकी गणना वजन और शरीर की लंबाई के हिसाब से की जाती है।