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महासर माता मंदिर में श्रद्धालुओं ने मांगी मन्नतें, शिशुओं का हुआ मुंडन

मंडी अटेली, 15 अप्रैल (निस) क्षेत्र के गांव गढ़ी-महासर स्थित महासर माता का नवरात्रों से शुरू हुआ मेले में सप्तमी के मौके पर काफी संख्या में माता के भक्तों ने माथा टेका। चैत्र माह में 8 मार्च को नवरात्रों प्रारंभ...

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मंडी अटेली में सोमवार को नवरात्रों के उपलक्ष्य पर गढ़ी-महासर स्थित माता मंदिर में प्रसाद ग्रहण करते श्रद्धालु।-निस
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मंडी अटेली, 15 अप्रैल (निस)

क्षेत्र के गांव गढ़ी-महासर स्थित महासर माता का नवरात्रों से शुरू हुआ मेले में सप्तमी के मौके पर काफी संख्या में माता के भक्तों ने माथा टेका। चैत्र माह में 8 मार्च को नवरात्रों प्रारंभ होने पर भक्त गणों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है लेकिन सप्तमी के मौके पर श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रहती है। माता के मेले में नवविवाहित जोड़ों के अलावा नवजात शिशुओं के बाल भी उतरवाये।

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मंदिर के सेवक प्रभाती परिवार, संजय शास्त्री, महेश आदि ने बताया कि किवंदती है कि इस स्थान पर दुर्गा माता मंदिर में पांडवों ने अपना खोया हुआ वैभव पाने के लिए द्वारिकाधीश के आदेश पर पर पूजा अर्चना की थी।

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मेेले में आस-पास के क्षेत्रों के ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न कोनों से श्रद्धालु भक्त आकर माता के दरबार में अपनी मनोकामना मांगते हैं। वर्तमान में माता के स्थान पर सिद्धपीठ मां महासर दुर्गा माता मंदिर निर्माण मंडल की ओर से भव्य मंदिर का निर्माण करवा दिया है। मंदिर में आने वाले भक्तजनों की सुविधा के लिए पुजारी परिवार की ओर से भंडारे आदि चलते रहते हैं। माता के स्थान पर शतचंडी यज्ञ भी 9 दिनों तक चलता है जो लांबा परिवार की ओर से आचार्य संजय शास्त्री इसमें प्रमुख रूप से पंडित होते हैं। मेले में पंजाब के कोटपुरा से आये भक्त पुरूषोतम गुप्ता, श्याम सुंदर गुप्ता, श्यासुंदर गोयल की ओर से पिछले 7 दिनों से फलाहार का का प्रसाद भक्तों को परोसा जा रहा है, नवमी तक चलता रहेगा।

लक्ष्मण दल नारनौल की ओर से नवरात्रों के शुभारंभ पर दल के सेवक राकेश अग्रवाल ने बताया कि लंबे अर्से से माता के स्थापन दिन-रात भंडारा का आयोजन होता है।

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