झज्जर, 16 अप्रैल (हप्र)
महाभारत कालीन कस्बा बेरी में मंगलवार को दुर्गाष्टमी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने माता भीमेश्वरी देवी के अंदर और बाहर वाले मंदिर में पूजा अर्चना की। दूरदराज से आए भक्तों ने सप्तमी की रात को देवी के अंदर वाले भवन में माता के जयकारे लगाकर मां भगवती के दर्शन किए। परंपरा के अनुरूप रोजाना की भांति सुबह माता को कड़ी सुरक्षा के बीच बाहर वाले मंदिर ले जाया गया, जहां भक्तों ने महाआरती में भाग लिया।
डीसी कैप्टन शक्ति सिंह के अलावा सीईओ जिला परिषद डॉ. सुभीता ढाका ने मंदिर में पूजा अर्चना की। डीसी ने मेला परिसर में स्वास्थ्य विभाग की टीम को जरूरी निर्देश भी दिए। उन्होंने रेडक्रॉस वॉलंटियर्स द्वारा मेले में भक्तों की मदद की प्रशंसा की। एसडीएम रविंद्र मलिक और डीआरओ प्रमोद चहल मंगलवार अलसुबह से ही मंदिर में स्थिति का जायजा लेते रहे।
मुंडन और गठजोड़े की जात लगाई : बेरी मेले में आए अनेक श्रद्धालुओं ने अपने नवजात शिशुओं के मुंडन और गठजोड़ों की जात लगाकर माता भीमेश्वरी देवी के दर्शन किए। बाय नामक तालाब से मिट्टी निकालकर पुरानी परंपरा को बरकरार रखा। बताया जाता है कि प्राचीन काल से ही माता के दर्शन के उपरांत तालाब से मिट्टी निकाली जाती थी।
पथवारी मंदिर में भी धूमधाम
होडल (निस) : दुर्गा अष्टमी पर्व होडल में धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने प्राचीन पथवारी मंदिर में माता की पूजा अर्चना की। व्रत रखने वालों ने कन्याओं को हलवा, पूरी, चना का प्रसाद खिलाकर उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे।