दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 22 अप्रैल
हरियाणा में देसी शराब अब महंगी हो गई है। विलायती (विदेशी) शराब पीने के शौकीनों को अब कम दामों में यह मिलेगी। सरकार ने विदेशी शराब की कीमतों में कमी की है। चंडीगढ़ में रेट कम होने की वजह से हरियाणा में अवैध तरीके से आ रही शराब को रोकने के लिए केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के बराबर विदेशी शराब के रेट किए गए हैं। बृहस्पतिवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश की नयी एक्साइज पॉलिसी को मंजूरी दी गई।
आबकारी एवं कराधान मंत्रालय राज्य के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पास है। कैबिनेट बैठक में उन्होंने यह पॉलिसी रखी। नयी पाॅलिसी 20 मई से अस्तित्व में आएगी। पॉलिसी एक साल के लिए बनाई गई है। पिछले साल जिन लोगों के पास शराब के ठेके थे, उन्हें ही रिन्यू करने का निर्णय लिया है।
नये ठेकों के लिए टेंडर जारी करने की अब जरूरत नहीं होगी। लाइसेंस फीस में 10 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। नयी एक्साइज पॉलिसी से सरकार ने 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का लक्ष्य रखा है।
कोरोना कॉल और लॉकडाउन के बावजूद अभी तक इस पॉलिसी से विभाग को 6 हजार 792 करोड़ रुपये का राजस्व मिल चुका है। करीब डेढ़ महीने का समय अभी शेष है। ऐसे में 7500 करोड़ रुपये तक राजस्व मिलने की उम्मीद है। वहीं 2019-20 की पॉलिसी से 6 हजार 361 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। पिछले साल सरकार ने शराब की बिक्री पर कोविड सैस लगाया था। नयी पॉलिसी में कोविड सैस नहीं लगाने का निर्णय लिया गया है। चंडीगढ़ में हरियाणा के मुकाबले विलायती शराब के दाम कम थे। ऐसे में लोग चंडीगढ़ से शराब खरीदते थे। इसे रोकने के लिए रेट कम करके चंडीगढ़ के बराबर किए हैं। इसी तरह से देसी शराब पर 60 रुपये प्रति पीएल एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा कर 66 रुपये किया है। वहीं 65 डिग्री पर 66 रुपये से बढ़ाकर 72 रुपये और 75 डिग्री वाली शराब पर अलग-अलग स्लैब बनाए हैं।
5 लाख में मिलेगा इथेनॉल लाइसेंस
पेट्रोलियम में यूज होने वाले इथेनॉल के लिए अब कोई भी व्यक्ति प्लांट लगा सकेगा। केंद्र सरकार की नयी योजना के तहत राज्य सरकार ने एक्साइज पॉलिसी में इथेनॉल यानी ई-थ्री लाइसेंस के लिए 5 लाख रुपये फीस तय की है। होटल, रेस्टारेंट में बार लाइसेंस की फीस व घर पर शराब रखने की लाइसेंस फीस भी पहले वाली रखी गई है। शादी व पार्टी में अस्थाई लाइसेंस के लिए तय 10 हजार फीस को घटाकर 7500 रुपये किया है।
गांवों में महंगे होंगे शराब के ठेके
गांवों में शराब ठेकों के लिए 2 लाख रुपये की जगह 3 लाख रुपये फीस तय की है। जिन गांवों में शराब के ठेके नहीं थे, वहां इस बार भी नहीं खुलेंगे। पिछली बार ठेके न खोलने के लिए 400 ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव आए थे। इस बार 78 और ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव आए हैं। आबकारी एवं कराधान आयुक्त इस पर फैसला लेंगे। सरकार ने आहतों (अनुमत कक्ष) का नाम बदल कर त्वरण करने का निर्णय लिया है।
विदेशी शराब का गोदाम डेढ़ करोड़ में
विदेशी शराब का गोदाम बनाने के लिए जेब ढीली करनी होगी। अभी तक इस गोदाम के लिए एक करोड़ रुपये फीस तय थी। इसे बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये किया है। वर्तमान में 8 गोदाम प्रदेशभर में थे। इस साल इनकी संख्या करीब दोगुणी होने की उम्मीद है। इसका कोटा 3 लाख से बढ़ाकर 3 लाख 60 हजार पेटियां किया गया है। प्रदेश में 65 व 75 डिग्री में बनने वाली मेट्रो लीकर अब कांच की बोतल में मिलेगी। इसके लिए पॉलिसी में प्रावधान किया गया है। अंग्रेजी शराब का कोटा भी 550 पीएल (प्रूफ लीटर) से बढ़ाकर 625 प्रूफ लीटर किया गया है।
टाइम टेबल तय
कोविड के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में शराब बिक्री का समय अप्रैल से अक्तूबर तक सुबह 8 बजे से रात्रि 11 बजे तक और नवंबर से मार्च तक सुबह 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक होगा। शहरी क्षेत्रों में सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक रहेगा। यदि कोई ठेका कोविड कंटेनमेंट जोन में आने से बंद रहेगा तो लाइसेंस फीस और कोटे को ठेके के बंद होने के दिनों के अनुपात में आनुपातिक रूप से माफ किया जाएगा।
कितनी महंगी
देसी शराब की बोतल 145 की बजाय 160, हाफ 80 की जगह 90 और पव्वा 50 की बजाय 55 रुपये में मिलेगा। 65 डिग्री वाली देसी शराब की बोतल 170 की बजाय 185, हॉफ 90 की जगह 95 और पव्वा 55 की जगह 60 रुपये में मिलेगा। 75 डिग्री की अंग्रेजी शराब के रेट भी बढ़े हैं। इनमें ब्लेंडर प्राइड, सिग्नेचर, सिमरन ऑफ जैसी कैटेगरी की शराब शामिल हैं। इनकी बोतल का रेट 600 से बढ़ाकर 650, हॉफ का 325 से बढ़ाकर 350 और पव्वे का 175 से बढ़ाकर 200 रुपये किया है।