अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 30 अप्रैल
सरकार ने देसी कपास उगाने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने की योजना को कामयाब करने के लिए अब देसी कपास के बीज की पर्याप्त आपूर्ति का निर्णय लिया है। सरकार ने राजस्थान सहित अन्य जगहों से देसी कपास का बीज खरीदने का फैसला लिया है।
गौरतलब होगा कि दैनिक ट्रिब्यून ने 28 अप्रैल के अंक में देसी कपास के बीज की आपूर्ति में दिक्कत व सरकार की देसी कपास उगाने को प्रोत्साहन देने की योजना बारे समाचार प्रकाशित किया था।
देसी कपास उगाएं, अनुदान पाएं
पहला गुलाबी सुंडी से फसल को बचाना तथा दूसरा हरियाणा सरकार ने फसल विविधिकरण के तहत नरमा की जगह देसी कपास की बिजाई का विकल्प दिया है। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 3 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान देने की घोषणा की। इसके लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर 25 अप्रैल से 31 मई तक फसल का पंजीकरण करवाने के निर्देश हैं। गुलाबी सुंडी के नुकसान से बचने व अनुदान राशि पाने के मकसद से अधिकांश किसानों ने देसी कपास की बिजाई का मन बनाया है।
किसानों के जबदस्त रुख से हुई बीज की किल्लत
सरकार की घोषणा का पता चलते किसानों ने देसी कपास की बिजाई की और जबरदस्त रुख किया है। इससे भिवानी सहित समूचे कपास बिजाई वाले क्षेत्र में देसी कपास के बीज की किल्लत पैदा हो गई। इससे सरकार की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. आत्माराम गोदारा ने शनिवार को कहा कि आमतौर पर केवल एक प्रतिशत किसान देसी कपास की बिजाई करते हैं जबकि 99 प्रतिशत नरमा की बिजाई करते हैं। सरकार की प्रोत्साहन की घोषणा के कारण बीज की किल्लत पैदा हो गई। जिसे दूर करने के लिए सभी प्रयास शुरू कर दिये गए हैं। सरकार द्वारा न केवल विभिन्न शहरों से बल्कि साथ लगते राजस्थान से भी देसी कपास का बीज मंगवाया जायेगा।