सुरेंद्र सांगवान/टि्रन्यू
पंचकूला, 18 अक्तूबर
उन्नीस साल पुराने रणजीत हत्याकांड में आज यहां सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरामुखी गुरमीत राम रहीम समेत पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। राम रहीम की यह सजा बलात्कार केस में पहले हुई 20 साल की सजा खत्म होने के बाद शुरू होगी और छत्रपति हत्या मामले में सुनाई गयी उम्रकैद की सजा के साथ ताउम्र चलेगी।
राम रहीम पर 31 लाख और अन्य चारों- कृष्ण कुमार, अवतार, जसबीर और सबदिल पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी किया गया है। जुर्माने की आधी राशि रणजीत सिंह के परिवार को दी जाएगी। कृष्ण लाल को सजा छत्रपति मामले में उसे हुई कैद के साथ चलेगी। रणजीत सिंह के बेटे जगसीर ने कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जताई है। जगसीर ने कहा कि उनके दादा ने न्याय के लिए काफी संघर्ष किया। हाईकोर्ट जाने या न जाने के बारे में परिवार के साथ बातचीत होने पर ही वह कोई निर्णय लेंगे। दूसरी ओर राम रहीम के वकील अजय वर्मन के अनुसार वह सीबीआई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। सीबीआई के वकील के अनुसार कोर्ट ने केस को ‘रेयरेस्ट आॅफ रेयर’ नहीं माना।
डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गाेली मारकर हत्या कर दी गयी थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से लिखवाई थी। यह चिट्ठी सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने समाचार पत्र में प्रकाशित की थी। बाद में छत्रपति की भी हत्या कर दी गयी थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। 10 नवंबर 2003 को कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिये थे। 2007 को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी। गत 8 अक्तूबर को कोर्ट ने पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया था। एक आरोपी इंद्रसेन की पिछले साल मृत्यु हो गयी थी।
डेरा प्रेमियों में मायूसी
सिरसा (निस) : गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद डेरा मुख्यालय में सन्नाटा छा गया। डेरा प्रेमी दिन भर फैसले की इंतजार में थे, सजा सुनाए जाने के बाद मायूस हो गए। हालांकि डेरा सच्चा सौदा प्रबंधक कमेटी ने न्यायालय के इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने को कहा है।
जेल से हुई पेशी, सजा सुनकर सहम गया राम रहीम
अनिल शर्मा/ निस
रोहतक : साध्वी यौन शोषण केस में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को सोमवार सुबह करीब 10 बजे सुनारियां जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सीबीआई अदालत में पेश किया गया। डेरामुखी ने हाथ जोड़कर सभी को नमस्कार किया और उसके बाद गुमसुम खड़ा रहा। इस दौरान वह बैचेन रहा और जब अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई, तो वह सहम गया। बताया जा रहा है कि डेरामुखी ने नाश्ता नहीं किया था और दोपहर का भोजन भी नाममात्र ही खाया। पेशी के दौरान डाॅक्टरों की एक टीम जेल में मौजूद रही और डेरामुखी की रूटीन जांच भी की। बताया जा रहा है कि वह शुगर, बीपी से पीड़ित है और इसी वजह से उसका वजन काफी कम हो गया है। उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद डेरामुखी को कड़ी सुरक्षा के बीच बैरक तक ले जाया गया।
उसे अन्य कैदियों से अलग विशेष बैरक में रखा गया है, जहां 24 घंटे निगरानी रहती है। सजा पर फैसले को देखते हुए जिले में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गये थे और जेल की तरफ जाने वाले सभी मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गयी थी।