कैथल, 23 अगस्त (हप्र)
यहां लघु सचिवालय में कलायत क्षेत्र से आए मनरेगा मजदूरों ने काम न मिलने से नाराज होकर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि बालू, खरक पांडवा, वजीरनगर, रामगढ़, पिंजूपूरा, खेड़ी लांबा आदि गांवों के मजदूरों को दिहाड़ी नहीं मिल रही है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों व एबीपीओ पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने एबीपीओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपने चहेते लोगों को ही काम दे रहे हैं। इसके बाद उन्होंने प्रशासन से दिहाड़ी की राशि बढ़ाने, दो किलोमीटर की दूरी से अधिक पर जाने के लिए वाहन सुविधा की मांग की है। उधर बीडीपीओ ढांड को मनरेगा मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर मांग पत्र सौंपा। इसका नेतृत्व आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के जिला सचिव कामरेड राजकुमार सारसा व महेंद्ररों पबनावा ने किया।
उन्होंने कहा कि पिछले साल से शुरू कर अब तक कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के मजदूरों को लॉकडाउन की वजह से काम-धंधा बंद हो जाने से मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, जिससे उनको परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। उनके सामने भूखा मरने की नौबत आ गई है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हरियाणा की प्रदेश सरकार ने भी 12 लाख मजदूरों को प्रति परिवार 5 हजार रुपए एकमुश्त आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी, लेकिन वह महज घोषणा बनकर रह गई है। अभी तक किसी भी परिवार को 5 किलो अनाज के सिवा कुछ भी नहीं मिला है। गरीबों को मिलने वाले राशन से सरसों का तेल, दाल, चीनी आदि राशन सरकार ने देना बंद कर दिया है। इस मौके पर कर्मवीर, सुरजीत, जोगिन्द्र, पवन, सोनू, बलजीत, बीरभान, बलजीत सहित भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।