यूपीएस, एनपीएस के खिलाफ राजकीय महिला कॉलेज में प्रदर्शन
नई पेंशन नीति का विरोध करने वाले कर्मचारियों ने कहा कि एक सरकारी कर्मचारी अपने जीवन के 30 से 35 वर्ष देश सेवा में समर्पित करता है। इसके बदले उसे रिटायरमेंट के बाद न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा मिलना उसका वैधानिक और नैतिक अधिकार है, लेकिन सरकार द्वारा लागू यूपीएस और एनपीएस योजनाओं में न तो पेंशन की गारंटी है और न ही जीवन यापन के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता, जिससे सेवानिवृत्त कर्मचारी मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से असुरक्षित हो जाता है।
पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) कर्मचारी को समाज में सम्मान, आत्मनिर्भरता और भविष्य की सुरक्षा प्रदान करती है, जबकि यूपीएस और एनपीएस जैसी अंशदायी और बाज़ार आधारित योजनाएं कर्मचारी को केवल असमंजस और चिंता की स्थिति में डालती हैं। विरोध प्रदर्शन में महाविद्यालय के सभी विभागों के शिक्षक एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने भाग लिया।
कर्मचारियों ने यह संकल्प लिया कि जब तक ओपीएस को पुनः लागू नहीं किया जाता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। सरकार को चेताया कि यदि सरकार कर्मचारियों की इस न्यायोचित माँग पर विचार नहीं करती है, तो आने वाले समय में यह आंदोलन राज्यव्यापी रूप लेगा।