चरखी दादरी (निस) : बदहाल सीवरेज व्यवस्था के चलते जलभराव, दूषित पेयजल आपूर्ति व दूसरी अन्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। लोगों ने मंगलवार को प्रदर्शन किया और कहा कि उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे निकाय चुनावों का बहिष्कार कर देंगे। जन आंदोलन समिति के संयोजक नितिन जांघू की अगुवाई में मंगलवार को प्रदर्शनकारी लोगों ने कहा कि बार-बार अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी सीवरेज व्यवस्था गडबड़ाई हुई है। घरों में सीवर का पानी घुस रहा है। विभाग, प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा विधायक के समक्ष भी अपनी समस्या के समाधान की गुहार लगाकर थक चुके हैं, लेकिन समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गये। इस कारण समस्या जस की तस बनी हुई है। प्रदर्शनकारियों में जयभगवान मस्ताना, विक्रम श्योराण शामिल थे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।