रेवाड़ी, 12 जून (हप्र)
हरियाणा के ग्रामीण अंचल का प्रथम महाविद्यालय वर्ष 1970 में जिला के गांव नाहड़ में ग्राम्य भारती महाविद्यालय के नाम से स्थापित हुआ था। इस महाविद्यालय को दशकों बाद भी रीजनल सेंटर का रूप नहीं दिया गया है। इसके इतिहास में झांके तो पता चलता है कि नाहड़ इलाका शिक्षा समिति के प्रथम अध्यक्ष झज्जर-रेवाड़ी लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 1952 में सांसद चुने गए स्व. घमंडीलाल बंसल थे। वे नाहड़ गांव के ही रहने वाले थे और वे 42 वर्षों तक श्रीराम कॉलेज दिल्ली के आजीवन चेयरमैन भी रहे। शिक्षा प्रेमी बंसल के अथक प्रयास से ग्राम्य भारती महाविद्यालय नाहड़ का निर्माण हुआ था।
नाहड़ गांव के शिक्षाविद् डा. जयभगवान भारद्वाज ने कहा कि इस महाविद्यालय का सरकारीकरण वर्ष 1980 में हुआ था। लेकिन आज तक इसमें स्नातकोत्तर की कक्षाएं संचालित नहीं हुई हैं। जिसके कारण विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर विषयों की पढ़ाई के लिए दूरदराज के शहरों में जाना पड़ता है। सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब विद्यार्थी हो रहे हैं।
इन छात्रों के समय और धन की बर्बादी होती है। उन्होंने मांग की है कि इस महाविद्यालय में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक या कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र का रीजनल सेंटर खुलना चाहिए। ताकि विद्यार्थियों को इधर-उधर भटकना न पड़े।