रोहतक, 19 जुलाई (हप्र)
आईएमटी रोहतक स्थित शिवम ऑटोटेक लिमिटेड में गत दिवस दर्दनाक हादसे का शिकार बने दो मृतक मजदूरों को उचित मुआवजा और श्रमिकों के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध की मांग को लेकर दूसरे दिन भी श्रमिक काम छोड़ फैक्ट्री गेट पर डटे रहे। भारी दबाव के बाद श्रम विभाग की मध्यस्थता में मृतक मजदूरों के परिवारों को मिला मुआवजा और जल्द से जल्द सुरक्षा के सारे इंतजाम करने का आश्वासन मिला। गौरतलब है कि सोमवार को शिवम ऑटोटेक लिमिटेड कंपनी के हीट ट्रीटमेंट डिपार्टमेंट में फर्नेस फट जाने से उच्च तापमान का साल्ट वहां काम कर रहे रमेश, बिजेंदर और सच्चिदानंद पर आ गिरा जिसके चलते वह गंभीर रूप से झुलस गए। घटना के बाद कोई प्राथमिक उपचार और एंबुलेंस की सुविधा न होने के चलते लोडिंग ट्रक में डालकर उन्हें पीजीआई रोहतक में पहुंचाया गया। जहां पर रमेश और बिजेंदर को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं सच्चिदानंद की हालत गंभीर है। सीटू नेताओं ने मांग की कि झुलस चुके घायल श्रमिक के इलाज का पुख्ता प्रबंध किया जाए। श्रमिकों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। इएसआई-पीएफ के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े की जांच कर, श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित करवाया जाए।
मज़दूरों से मिलने नहीं पहुंचे अधिकारी
श्रमिकों को संबोधित करते हुए सीटू प्रांतीय उपाध्यक्ष सतबीर सिंह और जिला सचिव कामरेड विनोद ने आरोप लगाया कि घटना के दूसरे दिन तक भी श्रम विभाग के अलावा प्रशासन का कोई भी अधिकारी पीड़ित और धरनारत मजदूरों से मिलने नहीं आया। मैनेजमेंट कानून सम्मत मुआवजा देने की बजाय मामले को रफा-दफा करने पर तुली हुई है। वहां कार्यरत श्रमिकों ने बताया कि वह लंबे समय से कंपनी के आला अधिकारियों को कार्यस्थल पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने की लगातार मांग कर रहे थे,परंतु हर बार उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया। मजदूर नेताओं ने कहा कि इस फैक्टरी के अंदर मजदूरों से 12-12 घंटे का काम लिया जाता है और फैक्टरी के अंदर न तो कैंटीन और न ही शौचालय। कंपनी में कार्यरत ठेका श्रमिकों को ईएसआई और पीएफ का अंशदान काटे जाने के बावजूद भी कोई ईएसआई कार्ड उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है।