भिवानी, 1 जुलाई (हप्र)
उदयपुर में हुई कन्हैया लाल की हत्या को लेकर शुरू हुआ कोहराम भिवानी तक पहुंच चुका है। यहां आज विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन कर इस्लामिक जिहाद का पुतला फूंका और राजस्थान सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की। सुबह ही बड़ी संख्या में हाथों में झंडे, बैनर, पट्टी व इस्लामिक जिहाद का पुतला लेकर विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ता बिचला बाजार में पहुंच गए और उन्होंने शहर में विरोध प्रदर्शन कर घंटा पर इस्लामिक जिहाद का पुतला फूंका और रोष जताया। विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदीप बंसल, वरूण बजरंगी व संजय सिंगला ने कहा कि कन्हैया की निर्मम हत्या के आरोपों को गृह मंत्रालय सरेआम सजा दे।
उन्होंने कहा कि हिंदू मुस्लिम भाईचारे में हिन्दू केवल चारा बन रहा है। उन्होंने कहा कि सभी हिन्दुओं को आत्मरक्षा में अपने पास हथियार रखने की ज़रूरत है। वहीं दूसरी ओर संगठनों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन सतर्क दिखा और दिन भर शहर में भारी पुलिस बल तैनात रहा।
रेवाड़ी के मुसलमानों ने कन्हैया को दी श्रद्धांजलि
रेवाड़ी (हप्र) : राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की निर्मम हत्या से मुस्लिम समुदाय भी नाराज है। यहां के मुस्लिम समाज ने सद्भावना पेश करते हुए शुक्रवार को कन्हैया लाल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। रेवाड़ी जामा मस्जिद के इमाम रमजान खान ने कहा कि समाज की एकता और अखंडता को बिगाड़ने व कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। जो इस नृशंस हत्या के लिए जिम्मेदार हैं, उन दरिंदों को फांसी की सजा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश में धर्म के नाम पर जहर फैला रहे हैं। उन्होंने केंद्र व राजस्थान सरकार से मांग की है कि कन्हैया लाल के हत्यारों को जल्द फांसी की सजा दी जाए।
डीसी को सौंपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
नूंह/मेवात (निस): उदयपुर में कन्हैयालाल की निर्मम हत्या के विरोध में शुक्रवार को नूंह शहर में हिन्दू संगठनों विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, आरएसएस आदि से जुड़े लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर जिला प्रशासन के माध्यम से महामहीम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि मृतक को कई दिन से जिहादियों द्वारा जान से मारने की धमकी दी जा रही थी लेकिन राजस्थान सरकार द्वारा तुष्टिकरण की नीति अपनाने के कारण कन्हैयालाल को सुरक्षा नहीं दी गई। संगठनों ने मांग की कि राजस्थान की गहलोत सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाये, कन्हैयालाल हत्या कांड की सीबीआई जांच करवाकर आरोपियों को मृत्यु दंड दिया जाये। राष्ट्र विरोधियों की पहचान करके अंकुश लगाया जाए।
संगठनों ने मांग की कि हिंसा में मारे गये कन्हैया लाल के परिजनों को 5 करोड़ की आर्थिक मदद दी जाये। इससे पहले सभी संगठन कार्यालय में एकत्रित हुए और सचिवालय तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे।