सोनीपत, 13 फरवरी (निस)
एनएच-44 पर गांव कुराड़ के सामने एनएचएआई द्वारा रेलिंग लगाने से ग्रामीण भड़क गए। ग्रामीणों का कहना है कि अब उन्हें करीब एक किलोमीटर संपर्क मार्ग पर चलकर हाईवे पर जाना होगा। ग्रामीणों ने न केवल एनएचएआई पर ढाबा संचालकों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है बल्कि ड्राइंग से छेड़छाड़ की बात भी कही है। ग्रामीणों ने इसके कट या अंडरपास की मांग को लेकर जीटी रोड के पास धरना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि मंजूर होने के बावजूद उनके गांव के सामने कट या अंडरपास नहीं बनाया जा रहा।
हाईवे के चौड़ीकरण के साथ ही एनएचएआई की तरफ से नेशनल हाईवे के दोनों तरफ रेलिंग लगाई जा रही है। एनएच-44 के पास स्थित कुराड़ गांव के सामने भी रेलिंग लगा दी गई है। ग्रामीणों ने पिछले दिनों इसका विरोध भी किया था, लेकिन एनएचएआई ने उनकी नहीं सुनी तो गुस्साए लोगों ने रोष जताते हुए काम बंद करा दिया था। गांव के निवर्तमान सरपंच बिजेंद्र के नेतृत्व में पहुंचे ग्रामीणों ने प्रशासन व एनएचएआई पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रेलिंग लगाने के बाद उन्हें दोनों तरफ एक किलोमीटर तक संपर्क मार्ग पर चलकर हाईवे पर जाना होगा जिससे लोगों की परेशानी बढ़ेगी। अकसर संपर्क मार्ग बदहाल रहने से इससे आवागमन में दिक्कत आएगी। जिसके चलते लोगों ने काम रुकवा दिया था, लेकिन अब जब ग्रामीणों की मांग पर गौर नहीं किया गया तो रविवार को ग्रामीणों ने गांव में जीटी रोड के पास ही धरना शुरू कर दिया।
धरनारत ग्रामीणों का कहना है कि ढाबा संचालकों से मिलीभगत कर एनएचएआई ने हर ढाबे के सामने रेलिंग में कट दे दिया है, लेकिन करीब 6 हजार की आबादी वाले गांव के सामने ऐसा नहीं किया जा रहा। यह सरासर गलत है।
ग्रामीणों ने दावा किया कि उनके गांव के सामने अंडरपास की मंजूरी दी गई थी मगर फिर भी एनएचएआई ने ड्राइंग में छेड़छाड़ कर डाली। यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा। जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा, वे धरना जारी रखेंगे।
फुट ओवरब्रिज मिला न अंडरपास
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्होंने एनएच-44 के चौड़ीकरण का काम शुरू होने के दौरान तत्कालीन डीसी के सामने मांग रखी थी कि गांव के सामने अंडरपास बनाया जाए या फुट ओवरब्रिज की सुविधा दी जाए। जिससे पैदल राहगीरों को परेशानी न हो सके। तब उन्होंने अंडरपास या फुट ओवरब्रिज की सुविधा देने की बात कही थी, लेकिन एनएचएआई की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिल सकी है।
गांव के सामने रेलिंग का ग्रामीणों ने विरोध किया था मगर एनएचएआई ने उनकी सुनवाई नहीं की। अब ग्रामीणों ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है। जब तक गांवों के सामने एग्जिट व एंट्री के लिए रास्ता नहीं मिलेगा तब तक ग्रामीण धरने पर बैठे रहेंगे।
-बिजेंद्र, निवर्तमान सरपंच, गांव कुराड़
ग्रामीणों की ओर से रेलिंग पर आपत्ति जताई गई थी, लेकिन एनएचएआई ने पूरे एनएच-44 पर रेलिंग लगाने का निर्णय लिया है। कई जगह एंट्री एग्जिट दिए गए हैं, लेकिन हर गांवों के सामने यह संभव नहीं है। फिर भी ग्रामीणों की समस्या पर जो समाधान संभव होगा वह किया जाएगा।
-आनंद दहिया, डीजीएम, एनएचएआई