दीपेंद्र हुड्डा बोले- हरियाणा में टोल वसूली का सबसे बड़ा घोटाला, गुजरात से 3 गुना कम क्षेत्र में अधिक वसूली
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने संसद में खुलासा किया कि हरियाणा में टोल वसूली गुजरात से कई गुना ज्यादा हो रही है। प्रदेश का आकार गुजरात के मुकाबले तीन गुना छोटा है। उन्होंने कहा कि यह भेदभावपूर्ण नीति हरियाणा की जनता के लिए अस्वीकार्य है।
हरियाणा में प्रति व्यक्ति टोल वसूली ₹917.1 है, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा प्रति किलोमीटर टोल वसूली 0.69 करोड़ रुपये है। गुजरात में 62 टोल प्लाजा हैं, जबकि हरियाणा में 75 प्लाजा के माध्यम से वसूली हो रही है। दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि दो टोल प्लाजा के बीच की दूरी हरियाणा में सिर्फ 45 किलोमीटर है, जबकि नियम के अनुसार न्यूनतम दूरी 60 किलोमीटर होनी चाहिए।
संसद में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में टोल वसूली 2014–15 के ₹461.88 करोड़ से बढ़कर 2025-26 में ₹2,324.95 करोड़ हो गई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल अक्टूबर तक हरियाणा में 368.57 करोड़ रुपये अधिक वसूली हुई, जबकि गुजरात में 1928.57 करोड़ रुपये कम हुई। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि यह वृद्धि तब हो रही है जब न सड़कों की गुणवत्ता बेहतर हुई है, न टोल प्लाज़ाओं की संख्या कम हुई है, और न ही पारदर्शी समीक्षा नीति लागू की गई है।
दीपेन्द्र हुड्डा ने आरोप लगाया कि सरकार जनता की जेब से पैसा निचोड़कर निजी कंपनियों को लाभ पहुंचा रही है। अनुबंधों की अवधि मनमाने तरीके से बढ़ाई जा रही है, जिससे दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के लाखों यात्रियों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है। हुड्डा ने केंद्र से मांग की कि जहां परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, वहां टोल वसूली तुरंत बंद की जाए। साथ ही टोल-फ्री वैकल्पिक मार्ग सुनिश्चित किए जाएं। हरियाणा में टोल वसूली और कम बजट आवंटन जैसी भेदभावपूर्ण नीति जनता के लिए स्वीकार्य नहीं है।
