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Deda Peer Mela: देदा पीर मेले में उमड़े गडरिया लुहार, श्रद्धालुओं ने समाधि पर टेका माथा

ऐलनाबाद, 28 अप्रैल (निस) Deda Peer Mela: हरियाणा के सिरसा जिले के गांव नहराना में सैंकड़ों वर्षों से गडरिया लोहारों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां पर गडरिया लोहारों के उत्तरी भारत का सबसे बड़ा मेला का...
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मेले में पहुंचे श्रद्धालु। निस
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ऐलनाबाद, 28 अप्रैल (निस)

Deda Peer Mela: हरियाणा के सिरसा जिले के गांव नहराना में सैंकड़ों वर्षों से गडरिया लोहारों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां पर गडरिया लोहारों के उत्तरी भारत का सबसे बड़ा मेला का आयोजन किया गया। मेले में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, यूपी, दिल्ली, चंडीगढ़ समेत अन्य प्रदेशों के लुहार जाति के लोग पहुुंचे। उन्होंने गांव में बने मंदिर देदा पीर लुहार खेमा समाधि स्थल पर माथा टेककर सुख शांति की कामना की। मेले को लेकर देदा पीर लुहार खेमा समाधि स्थल सेवादार समिति ने सभी प्रकार की व्यवस्था की गई ।

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गौरतलब है गांव नहराना में बने प्राचीन देदा पीर मंदिर में हर वर्ष 27 अप्रैल रात्रि को मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में दूर दराज से लुहार जाति के लोग माथा टेकने के लिए आते हैं। और प्रसाद चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं. रात्रि जागरण किया जाता है. भंडारा लगाकर प्रसाद वितरित किया जाता है. यहां का मुख्य परम्परागत नृत्य और कुश्ती दंगल होता है. जिसे देखने के लिए आसपास के गांवों के लोग पहुंचते है. लोहार सुबह समाधी पर माथा टेककर अपने अपने डेरों में वापिस लौटतें हैं।

Deda Peer Mela:  ढोल बजाकर किया स्वागत

गांव नहराना में मंदिर देदा पीर लुहार खेमा समाधि स्थल पर लुहार जाति के लोग विभिन्न वाहनों में रविवार सुबह से ही पहुंचने लगे। रविवार शाम को काफी भीड़ बढ़ गई। मंदिर परिसर में पहुंचने वालों का ढोल बजाकर स्वागत किया गया। इसी के साथ ही रविवार शाम को कुश्ती का दंगल हुआ। जिसमें विभिन्न प्रदेशों से आए लुहार जाति के पहलवानों ने दम खम दिखाया।

Deda Peer Mela: जगराता पर नाचे

गांव नहराना में मंदिर देदा पीर लुहार खेमा समाधि स्थल पर रविवार रात्रि को जगराता का आयोजन किया गया। इस दौरान कलाकारों ने एक से बढ़कर देव पीर लुहार खेमा के भजन गाए। भजनों को सुनकर पंडाल में बैठे लोग नाचने पर मजबूर हो गये।

Deda Peer Mela: ग्रामीण करते हैं पूरा सहयोग

गांव नहराना में मंदिर देदा पीर लुहार खेमा समाधि स्थल पर दूर दराज से लोग पहुंचते है। यहां पर पहुंचने वालों की मेहमानबाजी में ग्रामीण कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। ग्रामीण हर प्रकार से दूर दराज से आए लुहार जाति के लोगों का सहयोग करते हैं। लुहार डोजी ने बताया कि हमारा हर वर्ष मेला लगता है, इसमें ग्रामीण बहुत ही बड़ा सहयोग करते हैं। समिति के प्रधान सुनील बैनीवाल ने बताया कि यहां पर हर वर्ष मेला आयोजित किया जाता है। समिति के द्वारा हर प्रकार की व्यवस्था की जाती है।

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