सोनीपत, 7 जनवरी (निस)
शराब तस्करी के आरोपी ने परिजनों संग मिलकर अपना फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करा लिया और न्यायालय में चल रहे मामलों में खुद को मृत घोषित करा लिया। उसके बाद आरोपी नगर निगम में निजी कंपनी के वाहन पर चालक की नौकरी करता रहा। मामला सामने आने के बाद से जिम्मेदार अफसर खुद को बचाने के प्रयास में जुट गए हैं। एएसपी की जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद आरोपी व उसके परिजनों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
शहर के विकास नगर के रहने वाले दिल्ली अग्निशमन विभाग में कार्यरत भंवर सिंह ने डीसी को शिकायत देकर बताया कि उसके संज्ञान में आया कि प्रेम नगर का संजय पुत्र ओमप्रकाश कागजों में मृत है। वह मूलरूप से गांव नकलोई का रहने वाला है। उस पर उत्तराखंड में एक्साइज एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, धोखाधड़ी और मोटर व्हीकल एक्ट के मामले वर्ष 2007 व 2008 में दर्ज हुए थे। उन मामलों में आरोपी जमानत कराकर गायब हो गया। भंवर सिंह ने आरोप लगाया कि आरोपी ने तत्कालीन नगर परिषद (अब नगर निगम) से अपना मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। एएसपी की जांच में आरोपी के जिंदा होने और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर न्यायालय में पेश करने की पुष्टि हो गई। जिसके बाद सिटी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
भाई ने दी मौत की जानकारी : न्यायालयों की कार्रवाई से बचने के संजय के भाई नरेंद्र कुमार ने नगर परिषद (अब नगर निगम) व सामान्य अस्पताल में अपने भाई संजय की 28 जुलाई, 2009 में मौत होने की सूचना दे दी। उसने नगर परिषद से 18 जनवरी, 2011 को अपने भाई संजय का मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया।
आरोपी संजय, उसके भाई नरेंद्र, भाभी माया व पत्नी रितु देवी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के आधार पर फर्जी प्रमाण जारी करने में जिनका नाम सामने आएगा, उनकी भूमिका का पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी।
-सुखबीर सिंह, थाना प्रभारी, सिटी सोनीपत