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नपा वाइस चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला 3 को

डीसी के आदेश पर डीएमसीने बुलाई विशेष मीटिंग, 12 पार्षदों ने दिया था अविश्वास का प्रस्ताव
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जीत सिंह सैनी / निस

गुहला चीका, 18 जून

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नगर पालिका चीका की वाइस चेयरपर्सन पूजा रानी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान के लिए 3 जुलाई का दिन तय किया गया है। डीसी के आदेश पर डीएमसी कैथल ने 3 जुलाई को दोपहर 12 बजे नगर पालिका चीका में विशेष मीटिंग का नोटिस जारी किया है। सभी 17 पार्षदों, पालिका अध्यक्ष रेखा रानी के अलावा एमपी कुरुक्षेत्र नवीन जिंदल व गुहला के विधायक देवेंद्र हंस को भी इस मीटिंग में आमंत्रित किया गया है। पालिका सचिव को खास निर्देश दिए गए हैं कि वे इस मीटिंग की सूचना सभी पार्षदों को दें और उनका बैठक में हाजिर होना सुनिश्चित करें।

उल्लेखनीय है कि गत 3 जून को 12 पार्षदों ने डीसी कैथल को एक पत्र सौंप कर नगर पालिका उपाध्यक्ष पूजा रानी के प्रति अपना अविश्वास जताया था और उन्हें पद से हटाने के लिए मीटिंग बुलाने की मांग की थी। डीएमसी के पत्र के अनुसार 3 जुलाई की मीटिंग में पहले अविश्वास प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा होगी तथा उसके बाद मतदान करवाया जाएगा। यानी उसी दिन यह तय हो जाएगा कि पूजा रानी अपने पद पर बनी रहेगी या फिर समर्थन के अभाव में पद से हटा दी जाएगी।

पार्षदों ने ये गंभीर आरोप लगाए

वार्ड 1 से सुखबीर सिंह, 2 से दलबीर सिंह, 3 अमनदीप कौर, 5 से पुष्पा रानी, 7 से शालू गोयल, 8 से रेखा रानी, 9 से राजेश कुमार, 10 पूनम रानी, 12 हरीश बब्बू, 13 से हरदीप कुमार, 14 जितेन्द्र कुमार व वार्ड 16 से तरसेम चन्द ने संयुक्त रूप से भेजे गए अविश्वास प्रस्ताव में उपाध्यक्ष पूजा रानी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्षदों का कहना है कि नगरपालिका क्षेत्र में सफाई व्यवस्था बेहद खराब है। डस्टबिनों की समय पर सफाई नहीं होती और मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव भी नहीं किया जाता। इसके कारण क्षेत्र में गंदगी फैल रही है और नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पार्षदों ने विकास कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े करते हुए इनमें अनियमितताएं और पारदर्शिता के अभाव के आरोप लगाए गए। इसके अतिरिक्त प्रॉपर्टी आईडी में अनियमितता और गलत प्रमाण पत्र तैयार करवाने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। पार्षदों का आरोप है कि वाइस चेयरपर्सन पूजा रानी द्वारा पार्षदों की बातों को लगातार अनसुना किया जा रहा है। अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रही हैं और जनप्रतिनिधियों के साथ उचित समन्वय स्थापित नहीं कर पा रहीं।

कुर्सी बचाने के लिए चाहिए 7 पार्षद

एक्ट के अनुसार अगर न्यूनतम 2 तिहाई यानी 12 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान कर देते हैं तो पालिका उपाध्यक्ष की कुर्सी खिसकना तय है, लेकिन अगर एक भी पार्षद टूट कर उपाध्यक्ष के खेमे में चला जाता है तो उनकी कुर्सी को कोई खतरा नहीं है। नगर पालिका में कुल 17 पार्षद हैं और एक वोट चेयरपर्सन की भी डाली जाएगी। जाहिर तौर पर विपक्षी टोले के पास फिलहाल 12 पार्षद व सत्ता पक्ष के पास 6 पार्षद स्पष्ट रूप से नजर आते हैं। यदि एक पार्षद भी इधर उधर हुआ तो परिणाम भी बदल सकते हैं।

 

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