कुमार मुकेश/ हप्र
हिसार, 14 मार्च
प्रेमिका के ढाई साल के बच्चे की निर्मम हत्या करने के करीब पौने 4 साल पुराने मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीक्ष गुरविंदर सिंह वधवा की अदालत ने गैबीपुर गांव निवासी हेमराज को फांसी की सजा सुनाई है। हेमराज ने बच्चे को पहले पानी में डुबोया, फिर सड़क पर पटका और फिर कस्सी से काट कर उसके सिर को धड़ से अलग कर दिया था। अपने फैसले में अदालत ने कहा अगर दोषी के साथ सख्ती नहीं बरती गयी तो एक असहाय, अविकसित बच्चे की चीख-पुकार कौन सुनेगा, जो हत्या के समय विरोध करने की स्थिति में भी नहीं था। इसलिए, दोषी मौत की सजा का हकदार है। अदालत ने कहा कि इस क्रूर कृत्य से यह पता चलता है कि अपराधी दिल का इतना कठोर है कि उसके सुधार की कोई गुंजाइश नहीं। इसलिए आजीवन कारावास की सजा पर्याप्त नहीं होगी, दोषी का अपराध दुर्लभतम मामलों की श्रेणी में आता है। इससे पहले अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील नरेश जांगड़ा ने कहा कि बच्चे के प्रति उसकी घृणा और निष्ठुर हृदय से अपराध करना, दुर्लभतम मामलों की श्रेणी में आता है, इसलिए दोषी को मृत्युदंड ही दिया जाए।
वह कयामत की रात!
बरवाला थाना पुलिस ने 16 जून, 2018 को गैबीपुर गांव के तत्कालीन सरपंच अर्जुन मेहता की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या और शव को खुर्दबुर्द करने के आरोप में मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान पुलिस ने हेमराज को गिरफ्तार किया था। बच्चे का शव उसके खेत में मिला था। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया था कि वह जेसीबी चलाने का भी काम करता है और मिर्जापुर मार्ग पर जेसीबी खड़ी करता है। यहीं पर मार्च, 2018 में उत्तरप्रदेश की रहने वाली सुमन से उसकी मुलाकात हुई थी। सुमन अपने पति से अलग रहती थी और उसका ढाई साल का बेटा शिवा उसके साथ था। उसने बताया था कि सुमन को शादी का झांसा देकर वह 14 अप्रैल, 2018 को गैबीपुर गांव ले गया। 15 जून, 2018 की रात को वह शिवा को अपने साथ ले गया और उसकी हत्या कर दी।