सोनीपत, 27 मार्च (हप्र)
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल के शिक्षकों ने अपना विरोध जारी रखते हुए बुधवार को अतिरिक्त कार्यभार का सामूहिक त्यागपत्र विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंप दिया। डीक्रूटा का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों के शैक्षणिक टूर को रोकने के लिए नया तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। विश्वविद्यालय में अव्यवस्था का आलम है। विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी व विद्यार्थी स्वच्छ पानी के लिए तरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
डीसीआरयूएसटी की शिक्षक यूनियन डीक्रूटा ने बुधवार को विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अजय मोंगा को अतिरिक्त कार्यभार का सामूहिक त्यागपत्र सौंप दिया। शिक्षक केवल विश्वविद्यालय के एक्ट के अनुसार पदों पर कार्य करेंगे, जिससे विद्यार्थियों के हितों के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ न हो।
डीक्रूटा ने आरोप लगाया है कि विवि. प्रशासन के नए फरमान के कारण अब विद्यार्थियों को किसी प्रकार के शैक्षणिक टूर व प्रतियोगिता में जाने के लिए कम से कम 20 दिन पहले आवेदन करना पड़ेगा। उनका कहना है कि किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं है। सवाल उठाये कि प्रशासन को निर्णय लेने के लिए क्या 20 दिन का समय चाहिये।
प्रधान डॉ. सुरेंद्र दहिया ने कहा कि डीक्रूटा ने निर्णय लिया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की तानाशाही नीतियों का विरोध जारी रहेगा, लेकिन विद्यार्थियों की पढ़ाई पर किसी प्रकार का नकारात्मक असर नहीं होने दिया जाएगा। शिक्षक निरंतर क्लास रहते रहेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय रहते समस्याओं का निराकरण नहीं किया तो डीक्रूटा कड़े निर्णय लेने पर मजबूर होगा, जिसकी जिम्मेवारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
”आडीक्रूटा के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। फिलहाल मुझे इस बारे में और अधिक कुछ नहीं कहना।
-प्रो. श्रीप्रकाश सिंह, कुलपति