सोनीपत, 4 फरवरी (निस)
दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल एक बार फिर विवादों में है। यहां पर सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने विभाग के एचओडी द्वारा की पेपर मार्किंग पर सवाल उठाए हैं। दरअसल विश्वविद्यालय की पेपर मार्किंग को लेकर अपनाई गई कार्यप्रणाली से विद्यार्थियों में रोष बना हुआ है। विद्यार्थियों ने यूएमसी को गलत बताते हुए किसी दूसरी यूनिवर्सिटी से पेपर पार्किंग की मांग की है। इस बारे में वे कुलपति को शिकायत दे चुके हैं। अब विद्यार्थियों ने मामले की शिकायत गृह व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल विज को देने का मन बनाया है।
कमेटी ने माना- नोट्स के रेफरेंस लेना गलत नहीं
विद्यार्थियों का कहना है कि उन्होंने जिन नोट्स से परीक्षा की तैयारी की है, उत्तर भी उसी के अनुसार लिखेंगे। ऐसे में केवल नोट्स के रेफरेंस उठाने को यूएमसी का आधार बनाना गलत है। यूएमसी जांच के लिए बनाई गई कमेटी के सदस्यों ने भी यह बात कही थी कि केवल नोट्स के रेफरेंस उठाने को यूएमसी का आधार बनाना सही नहीं है। एचओडी इस बात को मानने को तैयार ही नहीं है।
29 नवंबर को पेपर रद्द करने का मिला नोटिस
छात्रों का कहना है कि 11 नवंबर को यूएमसी कमेटी की ऑनलाइन मीटिंग में हमें अपनी पूरी बात रखने का भी मौका नहीं दिया गया। 29 नवंबर 2021 को नोटिस मिला था कि पेपर रद्द कर दिया गया है। विद्यार्थियों का कहना है कि पेपर रद्द किए जाने का पता लगने के बाद 30 नवंबर को उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया। 23 दिसंबर को नोटिस जारी किया कि कोई नई कमेटी नहीं बनाएंगे, पुरानी कमेटी का निर्णय ही मान्य होगा।
यह है मामला
विवि में सिविल इंजीनियरिंग के चौथे वर्ष के विद्यार्थियों ने बताया कि उनके छठे सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर 2021 में हुई थी। पेपर मार्किंग के दौरान सिविल इंजीनियरिंग विभाग के एचओडी ने छठे सेमेस्टर के आरसीडी-2 विषय के पेपर में कक्षा के 43 विद्यार्थियों की यूएमसी बना दी। नवंबर माह में छात्रों को इसका पता लगा। जिसके बाद इस बारे में एचओडी से मिले, लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। कुलपति को शिकायत दी और पेपर मार्किंग दोबारा करवाने की मांग की लेकिन उनका परीक्षा परिणाम अधर में ही लटक रहा है। परीक्षा नियंत्रक ने पेपर को बाहर से मार्किंग करवाने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
विद्यार्थियों ने यूएमसी को गलत बताया था। इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी। विद्यार्थियों ने पेपर की जांच बाहर से करवाने की मांग की थी। पेपर जांच के लिए बाहर भेजे थे। उनकी रिपोर्ट आ गई है। जिसे जल्द ही कुलपति को सौंप दिया जाएगा।
-डॉ. एमएस धनखड़, परीक्षा नियंत्रक, मुरथल विवि, सोनीपत
विद्यार्थियों की मांग पर पेपर की दोबारा जांच करवा देंगे। विद्यार्थियों ने जैसा लिखा होगा, अंक भी उसी आधार पर ही मिलेंगे।
-प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत, कुलपति, मुरथल विवि