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बेटियों को भायी फॉरेन लैंग्वेज और एआई

हरियाणा 3.21 लाख बेटियां कर रही कॉलेजों-यूनिवर्सिटी में पढ़ाई
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 22 दिसंबर

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जमाना एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है। फॉरेन में भी जॉब के नये ऑफर हैं। हरियाणा की बेटियों को भी अब नये कोर्स भा रहे हैं। बेशक, अभी नये कोर्सों में बेटियों की संख्या कम है, लेकिन बदलाव की शुरुआत हो गई है। हरियाणा में सरकारी के साथ प्राइवेट सेक्टर के कई ऐसे कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं, जिनमें मार्केट की डिमांड के हिसाब से डिग्री और डिप्लोमा कोर्स शुरू किए हैं।

प्रदेशभर में वर्तमान में कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ रही लड़कियों की संख्या 321355 है। इनमें 233999 छात्राएं कॉलेजों और 87356 विभिन्न यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही हैं। डीएफएलटी (विदेशी भाषा शिक्षण विभाग) के प्रति भी लड़कियों का रुझान बढ़ा है। वर्तमान में 32 लड़कियों ने जर्मन, 20 ने फ्रेंच और 16 ने रूसी भाषा की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया हुआ है।

जर्मन में 6 और फ्रेंच में 7 बेटियां पीजी कर रही हैं। मनोविज्ञान में 67 बेटियां डिग्री और 21 फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा कर रही हैं। फैशन एवं परिधान डिजाइनिंग में स्नात्तक के लिए 19 ने एडमिशन लिया हुआ है। 10 लड़कियां ऐसी हैं, जो एआई में बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन का कोर्स कर रही हैं।

वकालत की ओर भी बढ़ीं

बैचलर ऑफ फिजिकल साइंसेज और बैचरल ऑफ लाइफ साइंसेज में 694 बेटियां पढ़ाई कर रही हैं। बीएससी गृह विज्ञान में 148, बीसीए में 758, जैव प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग में बीटेक 404 तथा एलएलबी (प्रोफेशनल) में 250 ने एडमिशन लिया हुआ है। बीए एलएलबी (ऑनर्स) में 5 वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम में 954, एमकॉम में 422, एमएलएम में 174, एमबीए में 223 तथा एलएलबी ऑनर्स 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स में 1025 बेटियां पढ़ाई कर रही हैं। राष्ट्रीय एवं साइबर सुरक्षा में स्नातकोत्तर डिप्लोमा में 2, संस्कृत में प्रवीणता के डिप्लोमा के लिए एक तथा पोषण एवं आहार विज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा के लिए एक लड़की पढ़ रही है।

हॉयर एजुकेशन डिपार्टमेंट इसे अच्छी शुरुआत मान रहा है। वहीं, सरकार ने गरीब परिवारों की बेटियों को मुफ्त हायर एजुकेशन का भी ऐलान किया हुआ है। इसके लिए विभाग पॉलिसी बना रहा है। जल्द इसे अंतिम रूप देकर लागू किया जा सकता है। वहीं, ऐसी बेटियों की संख्या सबसे अधिक हैं, जो आज भी कला, मेडिकल, नॉन-मेडिकल व कॉमर्स में ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट कर रही हैं।

आर्ट्स में सबसे ज्यादा दाखिले

नये कोर्स आने के बाद भी लड़कियों का सबसे अधिक रुझान सामान्य डिग्री में ही है। कला स्नातक में सबसे अधिक 122295 बेटियों ने दाखिला लिया हुआ है। इसके बाद, बीकॉम और बीएससी (मेडिकल और नॉन-मेडिकल) में रुझान है। अंतर्राष्ट्रीय पाककला स्नातक (बीए) में 965, बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी फार्मा) में 858, बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी में 133, मास्टर ऑफ आर्ट्स (अंग्रेजी) में 854, मास्टर ऑफ साइंस (मनोविज्ञान) में 299, मास्टर ऑफ आर्ट्स (राजनीति विज्ञान) में 405, एमएससी भौतिकी विज्ञान में 688, एमएससी रसायन विज्ञान में 895, एमएससी अंक शास्त्र में 861, एमएससी कंप्यूटर साइंस (सॉफ्टवेयर) में 110 तथा एमएससी भूगोल में 874 बेटियां पढ़ाई कर रही हैं।

इस तरफ भी रुझान

बी़ वोक यानी बैंकिग वित्तीय सेवाएं और बीमा तथा बीएससी फैशन एवं टेक्सटाइल डिजाइन में 9-9 बेटियों ने एडमिशन लिया हुआ है। आतिथ्य प्रबंधन, फैशन एंड टेक्सटाइल डिजाइन में 7, आपदा प्रबंधन में डिप्लोमा पाठ्यक्रम में 7, ग्रामीण विकास में एमए के लिए 5, बैचलर ऑफ इंटीरियर डिजाइन में 4 तथा बीमा के सिद्धांत और अभ्यास में 6 बेटियां बैचलर ऑफ कॉमर्स (बी-कॉम वोकेशनल) का कोर्स कर रही हैं।

"भाजपा सरकार ने शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया है। प्रदेश में बेटियों को मुफ्त शिक्षा की योजना बनाई जा रही है। जल्द ही इस योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।"

-मूलचंद शर्मा, शिक्षा मंत्री, हरियाणा

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