गुरुग्राम, 7 मई (हप्र)
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. महेंद्र मुंजापारा ने कहा कि बेटियों को उनके हिस्से का आकाश देने के लिए अभी तक बंद सभी राहें खोली जा रही हैं। इसी क्रम में हमने बेटियों को सैनिक स्कूल में दाखिला देने का भी फैसला लिया ताकि उन्हें यहां भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सके।
वे ओम शांति रिट्रीट सेंटर में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने ब्रह्मकुमारीज के ‘सुसंस्कारों की धरोहर भारत की बेटियां’ नामक अभियान की शुरू की। उनके साथ इस अभियान की ब्रांड एम्बेसडर बाॅलीवुड अभिनेत्री शहनाज गिल, मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी, ओआरसी की डायरेक्टर बीके आशा भी मौजूद रही।
लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. महेंद्र मुंजापारा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत महोत्सव और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के माध्यम से बेटियों को सपनों को नये पंख लगाए हैं। बेटियों को अब सिर्फ पराये घर की अमानत नहीं समझा जाता बल्कि उन्हें हर घर में बेटों के बराबर परवरिश मिलती है। मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी ने कहा कि हर स्कूल में संस्कारों के लिए प्राइज मिलना चाहिए, तभी समाज संस्कारों को महत्व करेगा। उन्होंने बच्चों का आह्वान किया कि सभी संकल्प करें कि जरूरत पर ही मोबाइल का इस्तेमाल और सीखने वाली चीजें के लिए ही टीवी का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने बच्चों से कहा कि सभी सुबह उठकर सबसे पहले परमात्मा को गुडमार्निंग करें। इस मौके पर पारुल श्रीवास्तव, शीला काकड़े, बीके चक्रधारी, बीके विधात्री मौजूद रहे।
‘पंख काटकर कमजोर बनाना बंद करें’
अभिनेत्री शहनाज गिल ने लड़कियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने पर बल देते हुए कहा कि इसके साथ अध्यात्म ज्ञान भी शामिल कर लिया जाए तो लड़कियों को कोई हरा नहीं सकेगा। जीवन में ज्ञान बहुत जरूरी है क्योंकि ज्ञान से ही आत्मविश्वास आता है और यही सफलता का आधार है। लड़कियों को चाहिए कि वे गलतियों से सीखें और इन्हें परखकर अपनी ताकत बना लें। शहनाज ने अभिभावकों को आह्वान किया कि वे लड़कियों के पंख काटना बंद करो, इसने हमें कमजोर बनाया है।