प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर में दंडी स्वामी संतों को दी गई विदाई
चातुर्मास प्रवास के लिए यूपी, उत्तराखंड आदि राज्यों से दंडी स्वामी संत प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर में बीते करीब दो माह से रह रहे थे। रविवार को इनको आदर सत्कार के साथ विदा किया। यजमान मास्टर सतपाल शर्मा व घनश्याम गोयल ने इनके चरण धोकर आसन पर बैठाया। इन्हें भोजन प्रसाद ग्रहण कराया। इसके बाद सभी संतों को बर्तन, वस्त्र, मिठाई, मुद्रा भेंट कर इनका आशीर्वाद लिया। मंदिर के आचार्य राहुल महाराज ने बताया कि इस बार 21 दंडी स्वामी संत यहां पर आए थे। आचार्य ने बताया कि यह संत चातुर्मास के दौरान कड़े नियमों का पालन करते हुए हरि भजन करते हैं। उन्होंने बताया इस दौरान यह संत दिन में एक बार ही भोजन लेते हैं। सुबह-शाम यह फलाहार लेते हैं। उन्होंने बताया कि जिला यमुनानगर में सिर्फ इसी मंदिर में दंडी स्वामी संत चातुर्मास के दौरान प्रवास के लिए आते हैं। आचार्य ने बताया कि चातुर्मास के दौरान यह संत अपना स्थान नहीं छोड़ते, इसके अलावा दरिया व नाले आदि पार नहीं करते। यह हरि भजन करते हैं। उन्होंने बताया कि संतों को एक बार भोजन कराने से बड़ा पुण्य मिलता है।