गुरुग्राम (निस) : करीब 20 दिनों से भीषण गर्मी में टेंट के नीचे शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों की मेहनत आखिरकार रंग लाई है। दमदमा स्कूल को अपग्रेड कराने की उनकी मांग सिरे चढ़ गई है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद टेंट हटा दिया गया है। विद्यार्थी घर लौट गये हैं। अभयपुर स्कूल के शिक्षक स्कूल अपग्रेड होने तक उन्हें ऑनलाइन पढ़ाएंगे। मंगलवार को दमदमा के प्रबुद्ध लोग शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मिले थे। मंत्री ने जून के अंत तक स्कूल को बारहवीं तक अपग्रेड किये जाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर सरपंच श्योराज खटाना, पहलवान सतबीर खटाना, पूर्व सरपंच विजय, वीरेंद्र, विजय खटाना, सूबेदार गोपीचंद आदि मौजूद थे। वहीं, बुधवार को जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन ने दमदमा गांव पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया और विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा दिलाये जाने का आश्वासन दिया।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।