अरविंद शर्मा / निस
जगाधरी, 4 अगस्त
जगाधरी क्षेत्र के दादुपुर हैड का निर्माण करीब 130 बरस पहले अंग्रेजी शासन ने कराया था। हालांकि बाढ़ आदि आने के कारण क्षतिग्रस्त होने व विकास होने पर यहां पर कई चीजों का स्वरूप बदल भी गया है, लेकिन अभी काफी कुछ पुराना भी है। बीते कुछ समय से विभाग के अधिकारी हैड को और ज्यादा अच्छा करने का प्रयास कर रहे हैं। पुरानी मशीनों को भी यहां पर भ्रमण के लिए आने वाले लोगों को दिखाने के लिए कायदे से लगाया गया है।
नहरी विभाग के एक्सईएन दादुपुर हरिदेव कंबोज का कहना है कि यह हैड करीब 130 साल पहले उस समय के शासन ने बनाया था। यहां पर पानी का बहाव बदलने, पुल के दर खोलने आदि कार्यों में काम आने वाली मशीनें आज भी हैं। इनमें क्रेन, लिफ्टर, वुड कैचिंग मशीन आदि शामिल हैं। इसके अलावा यहां सैकड़ों साल पुरानी गाटर घंटी भी है। इससे कुछ दशक पहले तक हर घंटे में समय बताया जाता था।
सरकार की मंजूरी को भेजी कई योजनाएं
कंबोज ने बताया कि यहां पर दूर-दूर से लोग भ्रमण के लिए आते हैं। इस स्थल को और आकर्षक बनाने के लिए कुछ योजनाएं बनाकर सरकार को मंजूरी के लिए भेजी हुई हैं। इनमें चिल्ड्रन पार्क, फूड क्योसिक, बोटिंग स्पोट, रेस्टारेंट आदि बनाने की योजना है। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश शासन के समय की मशीनों को पार्क पर लोगों के देखने के लिए लगाया गया है। ये मशीनें दादुपुर हैड, पथराला डैम व धनौरा हैड पर इस्तेमाल होती थी। हाथ से चलने वाली मशीन से ही यहां पर साठ दरा पुल के दरों को खोला जाता है। यह पानी को सोमनदी में डायवर्ट करने के लिए उपयोग में लाई जाती थी।