Dabwali News: डबवाली में अव्यवस्थित बिजली आपूर्ति, शिकायत केंद्र लाचार और उपभोक्ता बेहाल
Dabwali News: डबवाली शहर में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की लापरवाही के कारण रविवार रात्रि को बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई। भारी उमस और गर्मी के बीच कई क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर की एपी केबलें जलने और एलटी लाइन टूटने के कारण दर्जनों जगहों पर ब्लैकआउट की स्थिति बनी रही। सबसे गंभीर बात यह रही कि इतने बड़े क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बहाल करने की जिम्मेदारी सिर्फ पांच कर्मचारियों पर थी।
रात्रि को राजीव नगर, रविदास नगर, प्रेम नगर, रामबाग, पब्लिक क्लब के पीछे ऐपी केबलें जल गईं। प्रेम नगर में एलटी लाइन टूट गई। वहीं, सिविल अस्पताल की बिजली सप्लाई पूरी तरह ब्रेकडाउन हो गई, जिससे इमरजेंसी सेवाएं भी संकट में आ गईं। इन हालातों के चलते शहर वासियों की रविवार रात उमस भरी गर्मी में गुज़री। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक तड़पते रहे।
बिजली निगम के शिकायत केंद्र की हालत बेहद चिंताजनक है। वहां सिर्फ एक मोबाइल नंबर शिकायत दर्ज करने के लिए उपलब्ध है। जब फाल्ट की संख्या ज्यादा होती है, तो कंप्यूटर ऑपरेटर भी फील्ड में कर्मचारियों के साथ चला जाता है, ऐसे में फोन उठाने वाला तक कोई नहीं बचता। नतीजतन, उपभोक्ता बार-बार फोन करने के बावजूद संपर्क नहीं कर पाते और उनकी शिकायतें दर्ज नहीं हो पातीं।
रात्रि शिफ्ट में एक टेलीफोन ऑपरेटर सहित केवल पांच कर्मचारी तैनात थे। करीब 70,000 की आबादी वाले शहर में छह बिजली फीडरों के अंतर्गत 300 ट्रांसफार्मर हैं और प्रतिदिन 50 से 60 फाल्ट की शिकायतें आती हैं।
स्थानीय निवासी बजरंग थालोड़ ने बताया कि राजीव नगर से रविदास नगर को जोड़ने वाली गली में लगे ट्रांसफार्मर में खराबी की सूचना निगम को रात 10:30 बजे दी गई थी, लेकिन रात 2 बजे तक बिजली बहाल नहीं हो सकी। दोबारा संपर्क करने पर उत्तर मिला कि "कर्मचारी कम हैं, आधे शहर में बिजली बाधित है, सबकी शिकायत तुरंत दूर करना संभव नहीं।"
लोगों ने नाराजगी जताई कि जब जनता गर्मी में तड़प रही थी, निगम के अधिकारी वातानुकूलित कमरों में चैन की नींद ले रहे थे। उपभोक्ताओं का आरोप है कि निगम उनसे बिजली बिल में एसओपी, एफएसए, एमएमसी, एनर्जी चार्जेज, लाइन चार्जेज, कैपेसिटर सरचार्ज और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के नाम पर मनमर्जी से भारी वसूली करता है, लेकिन जब सेवा की बात आती है तो उपभोक्ता को सिर्फ परेशानी और इंतज़ार मिलता है।
प्रत्येक शिफ्ट में 15 कर्मचारी तैनात हों
प्रत्येक शिफ्ट में कम से कम 15 कर्मचारी तैनात किए जाएं, शिकायत केंद्र पर मल्टी लाइन फोन सेवा उपलब्ध करवाई जाए, हर शिफ्ट में कम से कम 3 टेलीफोन ऑपरेटर मौजूद रहें और फील्ड कर्मचारियों की संख्या भी तुरंत बढ़ाई जाए।