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वर्तमान जीवनशैली, खान-पान की आदतें स्वास्थ्य समस्याओं का मुख्य कारण : विशेषज्ञ

अम्बाला, 15 अक्तूबर (हप्र) गांधी मेमोरियल नेशनल कॉलेज छावनी में मंगलवार को प्राचार्य डॉ. रोहित दत्त की अध्यक्षता में स्वास्थ्य और भारतीय जीवनशैली में आने वाली चुनौतियों पर आधारित एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन आरोग्य...

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अम्बाला, 15 अक्तूबर (हप्र)

गांधी मेमोरियल नेशनल कॉलेज छावनी में मंगलवार को प्राचार्य डॉ. रोहित दत्त की अध्यक्षता में स्वास्थ्य और भारतीय जीवनशैली में आने वाली चुनौतियों पर आधारित एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन आरोग्य भारती अम्बाला विभाग, हरियाणा ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. करतार सिंह धीमान, वाइस चांसलर, श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र थे। अपने संबोधन में डॉ. धीमान ने बताया कि किस प्रकार पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणाली और आयुर्वेद भारतीय समाज के स्वास्थ्य सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय, राष्ट्रीय संगठन सचिव, आरोग्य भारती ने अपने वक्तव्य में भारतीय स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का उल्लेख करते हुए इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान जीवनशैली और बदलते खान-पान की आदतें स्वास्थ्य समस्याओं का मुख्य कारण बन रही हैं। उन्होंने कहा कि केवल चिकित्सा उपचार ही नहीं बल्कि स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना और भारतीय प्राचीन परंपराओं के अनुसार जीवन जीना ही दीर्घकालिक स्वास्थ्य का मार्ग है। डॉ. राकेश कुमार, संयोजक यूथ रेडक्रॉस सोसायटी ने बताया कि इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों और समाज को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। संगोष्ठी के अध्यक्ष डॉ. रोहित दत्त ने विशेष रूप से स्वास्थ्य के क्षेत्र में फार्मास्यूटिकल की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भले ही दवाइयां, बीमारियों के इलाज में सहायक होती हैं लेकिन इनका अत्यधिक या अनुचित उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि कैसे दवाइयाें का सही उपयोग और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता ही बेहतर जीवन की पूंजी है। मंच का संचालन डॉ. रोहिणी सिंह, जिला अध्यक्षा, अंबाला द्वारा किया गया।

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