सफीदों, 19 जुलाई (निस)
हरियाणा गौसेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण गर्ग ने मंगलवार को यहां बताया कि हरियाणा के मेवात इलाके में उनके आयोग द्वारा शुरू की गई गौसंरक्षण मुहिम को समाज के सभी वर्गों का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि गौसंरक्षण के लिए मेवात क्षेत्र में गोवंश की टैगिंग का काम जोरों पर है। इस मुहीम के तहत मेवात जिले के अनेक गांवों की मस्जिदों से गोवंश की टैगिंग की अनाउंसमेंट कराई गई है तथा मस्जिदों के अनेक मौलानाओं व अन्य गणमान्य लोगों के साथ बैठक कर उनका सहयोग लिया जा रहा है जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं। और इसका एक सुखद परिणाम यह भी रहा कि इस बार बकराईद पर बकरों की कुर्बानी में भी काफी कमी दर्ज हुई बताई गई है और गोकशी से समाज के सभी वर्गों के लोग नफरत करने लगे हैं। गर्ग ने बताया कि ऐसे सामन्जस्य का एक अच्छा असर यह भी है कि मेवात क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का बेहतर माहौल समाज में दिखने लगा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 2 महीने में ही 30 नई गौशालाएं खुलवाई गई हैं जिसके साथ अब गौशालाओं की संख्या 700 हो गई है। इनमें 620 गौशालाएं आयोग के पास पंजीकृत हैं जबकि वर्ष 2014 में जब भाजपा ने प्रदेश में सत्ता संभाली थी तब कुल 175 गौशालाएं ही थी। आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि हरियाणा में गोवंश के विभिन्न उत्पादों का महत्व भी गौवंश के प्रति संरक्षण की भावना को बढ़ा रहा है। उंन्होने बताया कि हिसार व पंचकूला की गौशालाओं में डीएपी रसायनिक खाद का विकल्प ‘प्रोम’ तैयार किया जा रहा है जबकि पिंजौर की गोशाला में पेंट व गमले तैयार हो रहे हैं।
कई दर्जन गौशालाओं में फिनायल जैसा कीटाणुनाशक तथा अगरबत्ती व लकड़ी बनाई जा रही है जबकि अनेक गौशालाओं में घड़ियों के लिए गाय के गोबर से बनाये जा रहे फ्रेम लोकप्रिय हो रहे हैं।