अधिकारियों के संज्ञान न लेने पर पार्षदों ने कार्यालय को जड़ा ताला
फतेहाबाद नगर परिषद कार्यालय वार्ड नंबर 9 के पार्षद सुभाष नायक बीमार हालत में भी धरने पर पूरी रात डटे रहे। उनके साथ वार्डवासी भी थे। हालांकि सोमवार सायं करीब सात बजे तबीयत बिगड़ने पर उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया था। सिविल अस्पताल के डॉक्टर ने उन्हें रात करीब 11बजे अग्रोहा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, लेकिन पार्षद सुभाष नायक अग्रोहा जाने की बजाय वापस धरनास्थल पर बैठ गए। हैरानी की बात रही कि पार्षद सुभाष नायक के धरने पर बैठते ही सभी अधिकारी कार्यालय से गायब हो गए। एक भी अधिकारी उनकी समस्या जानने नहीं आया।
मंगलवार को नगर परिषद के सचिव गोविंद कुमार व अन्य अधिकारी पार्षद सुभाष नायक को मनाने पहुंचे। मगर पार्षद ने काम शुरू नहीं होने तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया। अधिकारी उनको मनाने में विफल रहे। इसके बाद बाकी पार्षद भी सुभाष नायक के पक्ष में धरने पर बैठ गए।
नगर परिषद के प्रधान राजेंद्र खिंची, उपप्रधान सविता टुटेजा, पार्षद अनिल गर्ग,मोहन लाल नारंग, ज्योति मेहता, निलांशी शर्मा, राजू तूड़ेवाला, पंछी ठेकेदार, सुखदेव सिंह, हंसराज योगी, सुरेंद्र डींगवाल आदि ने पार्षद सुभाष नायक के पक्ष में धरने पर बैठ गए तथा पार्षदों ने विकास कार्य न होने व अधिकारियों की मनमानी के विरोध में तालाबंदी का ऐलान कर दिया। इसके बाद पार्षदों ने सभी ब्रांचों में जाकर कर्मचारियों काे बाहर निकलवा दिया और नगर परिषद कार्यालय के गेट पर तालाबंदी कर दी
जब पार्षद नगर परिषद के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर रहे थे तो सचिव गोविंद कुमार गेट पर खड़े होकर पार्षदों को रोकने का प्रयास करने लगे। इसी दौरान पार्षद हंसराज योगी ने कहा कि इन अधिकारियों के पास न फोन उठाने का टाइम है और न ही पार्षदों की समस्या सुनने का। इसके बाद पार्षद गुस्सा हो गए और हंसराज योगी ने हाथ पकड़ कर सचिव को बाहर धकेलकर गेट बंद कर दिया।
गौरतलब है कि वार्ड नंबर 9 शहर के स्लम एरिया में है। इस वार्ड में विकास की सबसे ज्यादा जरूरत है, लेकिन परिषद के पास करोड़ों का फंड होने के बाद भी राजनेताओं की शह पर अधिकारी मनमानी करते हैं। पार्षद सुभाष नायक सोमवार सुबह नगर परिषद में एक्सईएन कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए थे। पार्षद को समर्थन देने वार्ड के कुछ निवासी भी आए। मगर शाम 5 बजे तक भी नगर परिषद के अधिकारियों और प्रधान व उपप्रधान में से कोई भी पार्षद से मिलने नहीं पहुंचा। इससे गुस्साये पार्षद ने रातभर धरने पर ही बैठे रहने का ऐलान कर दिया।
एडीसी अनुराग ढालिया धरनास्थल पर पहुंचे
सायं करीब 4 बजे पार्षदों को मनाने एडीसी अनुराग ढालिया धरनास्थल पर पहुंचे व पार्षदों की समस्या सुनी। गौरतलब हैं कि एडीसी अनुराग ढालिया को कुछ दिन पहले ही डीएमसी का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। धरने पर बैठे सभी पार्षदों ने परिषद अधिकारियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली तथा एक कनिष्ठ अभियंता की शिकायत करते हुए कहा कि उक्त जेई पार्षदों से दुर्व्यवहार करता है। पार्षदों ने कहा कि अधिकारियों के व्यवहार का इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि परिषद प्रधान राजिंद्र खिंची को शिकायत लेकर हरियाणा अनुसूचित जनजाति आयोग तक जाना पड़ा। इस पर डीएमसी अनुराग ढालिया ने छुट्टी पर चल रहे सभी पार्षदों परिषद अधिकारियों की छुट्टी रद्द करते हुए 6 नवंबर को बैठक बुलाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी पार्षदों की समस्या का समाधान करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। इस पर पार्षदों ने लोगों की परेशानी देखते हुए कार्यालय का ताला खोल दिया, लेकिन धरना जारी रखने का फैसला किया।
