भिवानी, 25 नवंबर (हप्र)
कोरोना काल में जिन सफाई कर्मचारियों को कोरोना योद्धा का दर्जा देकर उन्हें सम्मानित किए जाने की होड़ सी लगी थी, आज वे ही सफाई कर्मी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर हैं तथा उनकी मांगों की लगातार अनदेखी की जा रही है। अपनी लंबित मांगों को लेकर सफाई कर्मचारियों ने नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के बैनर तले बृहस्पतिवार को शहर में प्रदर्शन किया तथा उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा तथा 25 अप्रैल तथा 17 अगस्त को सरकार व कर्मचारियों के बीच बैठक में मानी गई मांगों को स्वीकार करने की गुहार लगाई।
नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश सचिव पुरुषोत्तम दानव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उनकी मांगें पिछले वर्ष 25 अप्रैल व 17 अगस्त को मानी थी, लेकिन एक वर्ष से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद भी आज तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ उनकी कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के आश्रितों को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और नियमित रोजगार, चार हजार रुपये जोखिम भत्ता देने, ईपीएफ व ईएसआई की काटी गई राशि कर्मचारियों के खातों में जमा करने, क्षेत्रफल व आबादी के अनुपात में नये पद सृजित करने, नियमित भर्ती करने, सफाई कर्मचारियों व फायर कर्मचारियों की तर्ज पर अन्य सभी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को ठेका प्रथा से मुक्त कर विभाग के रोल पर करने, फायर विभाग के 1366 पेरोल पर आए कर्मचारियों व अन्य ठेके के कर्मचारियों को स्वीकृत पदों पर मर्ज करने, छंटनीग्रस्त कर्मचारियों को ड्यूटी पर वापस लेने सहित अन्य मांगों पर सहमति बनी थी, लेकिन आज तक ये मांगें पूरी नहीं हुई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो सफाई कर्मचारी प्रदेशभर में सफाई व्यवस्था ठप कर देंगे तथा प्रदेश के प्रत्येक शहर में सिर्फ कचरे के ढेर ही नजर आएंगे। इस अवसर पर इकाई प्रधान विजय कुमार, सचिव प्रदीप कुमार, उपप्रधान दीपक, लालाराम, जिला प्रधान सुरेश कुमार, कमला, मनीषा, बाला सहित अनेक कर्मचारी मौजूद रहे।