अनिल शर्मा/निस
रोहतक, 29 जुलाई
कोरोना को लेकर हेपेटाइटिस बी व सी की दवाई खाने वालों पर हुई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रोहतक पीजीआई में करीब 5000 मरीजों पर निगरानी की गई, जिसमें पाया गया कि सिर्फ 10 मरीज ही कोरोना की चपेट में आए। बताया जा रहा है कि विदेशों में इस दवा को कारगार माना गया है। राहत की बात यह है कि हेपेटाइटिस बी व सी के मरीजों से कोरोना दूर रहा, जो मरीज कोरोना की चपेट में आए वह जल्द ही ठीक हो गए और एक भी मरीज की मौत नहीं हुई। रोहतक पीजीआई के गेस्ट्रोलॉजी विभाग में विशेष तौर पर कोरोना महामारी के दौरान हेपेटाइटिस बी व सी के मरीजों पर यह स्टडी की गई। पीजीआई में बी व सी के मरीजों के लिए मुफ्त इलाज किया जा रहा है। इसके लिए हरियाणा के अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के मरीज भी काले पीलिये के इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं।
गेस्ट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण मलहोत्रा का कहना है कि करीब डेढ़ साल के दौरान काला पीलिया की दवाई ले रहे मरीजों पर विशेष स्टडी की गई है, जिसमे सामने आया कि हेपेटाइटिस बी व सी के नाम मात्र एक आध मरीज ही कोरोना की चपेट में आया है और जो मरीज संक्रमित हुआ वह जल्द ही रिकवरी कर गया है। डॉ. प्रवीन मल्होत्रा के नेतृत्व में विशेष टीम कई हजार मरीजों का इलाज कर चुकी है और उन्ही मरीजों में से कुछ मरीजों पर स्टडी की गई है।