जगाधरी, 19 अक्तूबर (निस)
कोरोना से हर क्षेत्र की व्यवस्था बुरी तरह से चौपट हो गई है। लाॅकडाउन खुलने के बाद भी बाजार तेजी नहीं पकड़ रहा है। इससे धातु नगरी जगाधरी का बर्तन बाजार भी अछूता नहीं है। त्योहारों का सीजन शुरू होने के बाद भी बर्तन बाजार ठंडा पड़ा हुआ है। इससे बर्तनों का व्यवसाय करने वाले चिंतित हैं।
धातु नगरी के बर्तन बाजार में थोक व परचून दोनों ही का काम है। आमतौर पर श्राद्धों के बाद काम में तेजी आती थी, लेकिन इस बार बर्तन बाजार तेजी नहीं पकड़ रहा है। बर्तन व्यापारी रामकुमार, नवीन आदि का कहना है कि यहां पर साथ लगते यूपी, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब आदि से परचून का ग्राहक इन दिनों में काफी आता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। कुल मिलाकर 15 फीसदी काम चल रहा है। अनलाॅक के बाद भी काम नहीं बढ़ रहा है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी के कारण ज्यादातर लोग ब्याह आदि अभी भी टाल रहे हैं।
पुरानी पेमेंट नहीं आने से भी बढ़ी परेशानी
दुकानदारों का कहना है कि लाॅकडाउन में प्रवासी श्रमिक अपने यूपी, बिहार आदि राज्यों को चले गए थे। इनमें से काफी वापस नहीं आए हैं। सुस्ती की एक वजह यह भी है। वहीं दी जगाधरी मैटल मैन्यूफैक्चिरंग एंड स्पलायर्स ऐसोसिएशन के महासचिव सुंदरलाल बतरा का कहना है कि बाजार भयंकर मंदी की चपेट में है। थोक के आर्डर तो बहुत आ रहे हैं, लेकिन कोई पैसा देने को तैयार नहीं है। कम से कम पिछला हिसाब तो होता रहे। पैसा नहीं आने के कारण बाजार में मंदी छायी हुई है।