जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 15 जून
अम्बाला नगर निगम के क्षेत्र में पड़ने वाली सभी संपत्तियों के सर्वे का काम तो एक निजी कंपनी को दिया गया था लेकिन उसके सर्वे के बाद करीब 25 हजार प्रापर्टीज की निशानदेही नगर निगम के कर्मियों से करवाई जा रही है। कंपनी के सर्वे में दिखाए उक्त प्रापर्टी यूनिटों के बारे नगर निगम के कर्मचारियों को ही नहीं पता चल पा रहा कि वे कहां हैं।
अब नगर निगम के कई दर्जन कर्मचारी इस प्रापर्टी को ढूंढ रहे हैं ताकि रिकार्ड को ठीक किया जा सके। जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा सर्वे का ठेका मिलने के बाद संबंधित कंपनी के कर्मियों ने ड्रोन और सेटेलाइट से सर्वे किया लेकिन सर्वे के आधार पर नगर निगम को जो रिकार्ड उन्होंने सौंपा उसमें हजारों यूनिट प्रापर्टी ऐसी थी जिनके बारे निशानदेही कर पाना मुश्किल हो गया। इसमें नगर निगम के कर्मियों को कुछ समझ नहीं आ रहा था। इसी कारण नगर निगम की विभिन्न ब्रांचों से कर्मचारियों को प्रापर्टी निशानदेही के लिए भेजा जा रहा है।
कई बार तो एक ही दिन में 50 से ज्यादा कर्मियों को इस काम के लिए लगाया गया जिससे नगर निगम की लगभग सभी ब्रांचों का काम प्रभावित हो रहा है। मिली जानकारी के अनुसार अभी तक 17 हजार प्रापर्टी की निशानदेही नगर निगम कर्मचारी कर चुके हैं और शेष काम भी शीघ्र निपटाने के आदेश अधिकारियों द्वारा दिए जा चुके हैं। दरअसल, प्रदेश सरकार ने शहरी निकायों के क्षेत्र में पड़ने वाली संपत्ति का नए सिरे से सर्वे का काम जयपुर की याशी कंसलटेंसी को सौंपा था। पिछले सर्वे के अनुसार सभी प्रकार के 93 हजार यूनिट रिकार्ड में दर्ज हैं।
अब चूंकि क्षेत्र में काफी संख्या में नई संपत्तियों स्थापित हो चुकी हैं और नगर निगम में 12 गांव भी शामिल हैं, इसलिए नए सिरे से सर्वे करवाया जा रहा है ताकि सभी प्रकार की प्रापर्टी की पहचान कर उनसे संपत्ति कर वसूल किया जा सके। लेकिन लगभग 25 प्रतिशत प्रापर्टी की निशानदेही नहीं होने से दिक्कतें बढ़ गईं।
मालूम हो कि इससे पहले सर्वे के आधार पर जब लोगों को घर घर नोटिस मिलने प्रारंभ हुए तो पूरे शहर में हाहाकार मच गया था। अधिकांश प्रापर्टी में गणना, नाम, क्षेत्रफल, वार्ड नंबर आदि गलत दिए गये थे।