भिवानी, 27 मई (हप्र)
भिवानी नगर परिषद के अध्यक्ष पद के लिए विभिन्न पार्टियों के संभावित उम्मीदवारों ने दिल्ली व चंडीगढ़ में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के यहां डेरा जमा दिया है। इनमें भाजपा के नेता सबसे ज्यादा हैं। कांग्रेस और आप की टिकटें लगभग तय हैं।
अध्यक्ष पद सामान्य वर्ग की महिला के आरक्षित है। ऐसे में अधिकांश संभावित प्रत्याशियों के पति दौड़-धूप में लगे हैं।
भिवानी नगर परिषद को बने 18 साल हो चुके हैं। यह पहली बार है, जब अध्यक्ष पद को लेकर सीधे चुनाव हो रहे हैं। भाजपा समर्थित निवर्तमान अध्यक्ष रणसिंह यादव व जजपा समर्थित निवर्तमान उपाध्यक्ष मामनचंद दोनों के भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार होने के बाद नप के चुनाव और चर्चा में आ गए हैं।
सरकार द्वारा ड्रा के जरिए निर्धारित किए गए वार्डों में एक, 2, 4, 5, 7, 11, 17, 20, 22, 26 27, 28, 29, 30 व 31 सामान्य वार्ड हैं। सामान्य महिला वर्ग के 9 वार्ड आरक्षित हैं। बाकी एससी व बीसी वर्ग के लिए आरक्षित हैं।
अध्यक्ष पद की टिकट को लेकर खासतौर पर भाजपा में ज्यादा मारा-मारी चल रही है। भाजपा के विधायक, सांसद व मंत्री सभी के यहां टिकटार्थी दबाव बनाए हुए हैं। टिकाटार्थियों की सबसे लंबी लाइन भी भाजपाइयों की है। लगभग एक दर्जन से अधिक भाजपाई टिकटों के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। इनमें पुष्पा कौशिक, सुमिता हर्ष डुडेजा, प्रीति भवानी सिंह, मीना परमार, बबीता तंवर, सुनीता विनोद चावला, रेखा राघव, राजबाला, प्रिया असीजा, प्रीति हर्षवर्धन, ज्योति तंवर, किरण धीरज सैनी, सरोज मुकेश रहेजा प्रमुख हैं। इनमें से कोई भाजपा नेताओं तो कोई आरएसएस के जरिये टिकट पाने की हौड़ में है।
कांग्रेस में टिकट दावेदारों की सूची ज्यादा लंबी नहीं है। यहां पूर्व मंत्री राजभजन अग्रवाल की पुत्रवधू मीनू अग्रवाल की टिकट लगभग तय है। हालांकि, अमन राघव, सविता मान भी टिकट की दौड़ में हैं। मीनू अग्रवाल ने हाल ही में पूर्व मंत्री किरण चौधरी का एक कार्यक्रम करवाया है, जिसके बाद यह माना जा रहा है कि टिकट मीनू अग्रवाल को ही मिलेगी।
इनेलो से नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष विजय पंचगांवा की बेटी वंदना और इनेलो नेत्री इंदु परमार के नामों की चर्चा है। आप पार्टी से पूर्व मंत्री डा. वासुदेव शर्मा की पुत्रवधू इंदू शर्मा सक्रिय दिखाई दे रही हैं। 6 माह पहले आप सांसद सुशील गुप्ता ने इंदू शर्मा को नगरपरिषद का अध्यक्ष पद का चुनाव लड़वाने की सार्वजनिक तौर पर घोषणा की थी।
चुनाव लड़ने वाले अधिकांश टिकट चाहने वाले आकाओं के यहां टिकट की फरियाद के लिए शहर से बाहर होने के कारण अभी चुनावों जैसा माहौल नहीं बन पाया है। यहां तक कि पार्षदों के लिए चुनाव लड़ने वाले भी सक्रिय नहीं हुए हैं। वे भी इस इंतजार में हैं कि पार्टियां किसे अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाती हैं। अगले सप्ताह तक विभिन्न पार्टियां उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती हैं।