हिसार, 1 मई (हप्र)
नगर निगम ने राम चाट भंडार के भवन को गिराने के अपने नोटिस के खिलाफ स्थगन आदेश लेने वाले मालिक को उसके ही केस में फंसा दिया। स्थगन आदेश के बाद भवन मालिक की मौजूदगी में जर्जर भवन में निर्माण कार्य चल रहा था तो निगम प्रशासन ने उसके खिलाफ अदालत के आदेश की अवमानना करने की याचिका दायर कर दी। अब इस याचिका पर 2 मई को सुनवाई होगी।
नगर निगम आयुक्त अशोक कुमार गर्ग ने बताया कि राम चाट भंडार संबंधी मामले में बीते दिन न्यायालय ने आदेश दिए थे कि आग लगने के बाद जर्जर हुआ भवन सुरक्षित है या नहीं, इस बारे में बी एंड आर विभाग के अधिकारी 5 मई तक अपनी रिपोर्ट दें। तब तक भवन की जो अवस्था है, उसको उसी अवस्था में रखा जाए। इस भवन के साथ न तो भवन मालिक और न ही नगर निगम प्रशासन कोई छेड़छाड़ करेगा।
निगमायुक्त ने बताया कि गत 29 अप्रैल को नगर निगम की टीम ने जब मौके का निरीक्षण किया तो राम चाट भंडार का मालिक कुलदीप न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए भवन में निर्माण कार्य करवा रहा था। इस मामले में संज्ञान लेते हुए नगर निगम प्रशासन द्वारा न्यायालय में कुलदीप के खिलाफ न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने की याचिका आज दायर की है। इस पर न्यायालय 2 मई को सुनवाई करेगा।
बता दें कि रामचाट भंडार के बूथ नंबर 101 डी व 102 डी में गत 12 अप्रैल को आग लग गई थी जिसमें 14 वर्षीय एक बालक की भी मौत हो गई थी। इसके बाद नगर निगम प्रशासन ने भवन मालिक को भवन तोड़ने के लिए नोटिस जारी किया था। निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने मौके का निरीक्षण कर भवन मालिक को आदेश दिए थे कि सुरक्षा उपकरणों के साथ लेबर लगाकर जल्द बिल्डिंग तोडऩे का कार्य करें अन्यथा नगर निगम प्रशासन अपने स्तर पर बिल्डिंग तोड़ने का कार्य करेगा। निगमायुक्त के आदेशों के बाद बिल्डिंग मालिक ने न्यायालय में याचिका लगाई थी।