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22 सितंबर से सस्ते होंगे उपभोक्ता सामान और कृषि उपकरण

हरियाणा में जीएसटी में बड़ा बदलाव
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त्योहारी सीजन से पहले हरियाणा सरकार ने जनता को बड़ी राहत दी है। जीएसटी परिषद की सिफारिशों को लागू करते हुए प्रदेश सरकार ने हरियाणा माल एवं सेवा कर (एचजीएसटी) की दरों में व्यापक बदलाव कर दिया है। अब रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुएं, कृषि उपकरण और कई तरह के सामान सस्ते हो जाएंगे। हालांकि लग्जरी आइटम और तंबाकू-पान मसाला जैसे हानिकारक उत्पाद महंगे हो जाएंगे।नई दरें 22 सितंबर से पूरे प्रदेश में लागू होंगी। आबकारी एवं कराधान विभाग की आयुक्त एवं सचिव आशिमा बराड़ और राज्य कर आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने बृहस्पतिवार को कुल 12 अधिसूचनाएं जारी कीं। विभाग का अनुमान है कि दरों में कटौती से हरियाणा के गरीब, किसान और मध्यम वर्ग को करीब चार हजार करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा। पैकेज्ड दूध और पनीर पर जीएसटी खत्म करने के साथ ही घी, मक्खन और सूखे मेवे अब पांच प्रतिशत जीएसटी पर मिलेंगे।

रोटी और परांठा जैसे खाद्य पदार्थ पूरी तरह टैक्स फ्री होंगे। स्वास्थ्य क्षेत्र को भी बड़ी राहत दी गई है। जीवन रक्षक दवाओं और स्वास्थ्य बीमा सेवाओं पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। डायग्नोस्टिक किट जैसे ग्लूकोमीटर और रीजेंट पर दरें घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई हैं। हरियाणा सरकार का यह कदम उपभोक्ताओं, किसानों और व्यापारियों-तीनों वर्गों को राहत देने वाला है। जहां रोजमर्रा के सामान और कृषि उपकरण सस्ते होंगे, वहीं लग्जरी व हानिकारक वस्तुएं महंगी होंगी।

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सस्ती होंगी छोटी कारें

ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए छोटी कारों पर जीएसटी दर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है। इससे मध्यम वर्ग के लिए कारें अधिक किफायती हो जाएंगी और बाजार में मांग बढ़ेगी। वहीं, सीमेंट सस्ता होने से मकान निर्माण का सपना देखने वाले परिवारों को राहत मिलेगी।

हानिकारक वस्तुएं होंगी महंगी

जीएसटी दरों की समीक्षा करते समय सरकार ने स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखा है। तंबाकू, पान मसाला, सिगरेट, चीनी युक्त सॉफ्ट ड्रिंक और कैफीन युक्त पेय पदार्थों पर अब 40 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसका मकसद इनकी खपत को कम करना और लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

व्यापारियों को बड़ी राहत

प्रदेश के छोटे व्यापारियों और उद्यमियों के लिए भी सरकार ने अहम कदम उठाया है। अब दो करोड़ रुपये तक के कारोबार पर वार्षिक रिटर्न भरने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। इससे लाखों छोटे कारोबारियों को कागजी कार्रवाई से राहत मिलेगी और व्यापार करना आसान होगा।

कृषि उपकरण होंगे सस्ते

किसानों को ध्यान में रखते हुए कृषि उपकरणों और इनपुट पर जीएसटी घटाया गया है। सिंचाई और जुताई मशीनरी पर दरें 12 से घटाकर 5% की गईं। जैव-कीटनाशकों और अमोनिया, सल्फ्यूरिक व नाइट्रिक एसिड जैसे उर्वरकों पर केवल 5% जीएसटी लगेगा। ट्रैक्टर और उनके पुर्जों की कीमतों में भी कमी आएगी। सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण 5% जीएसटी के दायरे में आ गए हैं। इससे न केवल किसानों की इनपुट लागत घटेगी बल्कि टिकाऊ कृषि पद्धतियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

 

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