सोनीपत, 28 फरवरी (निस)
एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि पेपर सॉल्वर गैंग के सदस्य अभ्यर्थियों का डॉटा कोचिंग सेंटर संचालकों से लेते थे। डॉटा हाथ आने के बाद वह पेपर पास कराने का सौदा करने में जुट जाते थे।। एसटीएफ की जांच में करीब 8 कोचिंग सेंटर की जानकारी सामने आई है। अब टीम उनकी भूमिका की जानकारी जुटाएगी। साथ ही एसटीएफ ने गिरफ्तार आरोपी बिजली निगम के कर्मी और मुख्य हैकर को लेकर राजस्थान व उत्तर प्रदेश में दबिश दी है। एसटीएफ सोनीपत प्रभारी इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि पानीपत में दर्ज पेपर लीक मामले में टीम ने भिवानी के गांव मंढ़ाणा के सचिन को गिरफ्तार किया था। साथ ही पलवल के गांव अतरचटा के राज सिंह उर्फ राज तेवतिया को प्रोडक्शन वारंट पर लिया था। आरोपी हैकिंग सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से पैसे लेते हैं। यह गिरोह वर्ष 2013 से चल रहा है। इस मामले के सरगना दिल्ली पुलिस के सिपाही रोबिन को पुलिस पहले काबू कर चुकी है। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि आरोपी कोचिंग सेंटर संचालकों से मिलकर अभ्यर्थियों का पता लगाते थे। डॉटा मिलने के बाद अभ्यर्थियों से संपर्क करते थे। उसके बाद नौकरी व वेतन के अनुसार 3 लाख से 10 लाख रुपए में सौदा किया जाता था।