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कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया का जाना तय, जितेंद्र बघेल को बनाया सह-प्रभारी

प्रत्याशियों से फीडबैक लेने के बाद चुनाव नतीजों को कोर्ट में दी जा सकती है चुनौती
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
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चंडीगढ़, 5 नवंबर

हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की हरियाणा से ‘विदाई’ लगभग तय है। हालांकि विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद वे खुद ही अपने पद को छोड़ने की पेशकश पार्टी नेतृत्व से कर चुके हैं। अब पार्टी हाईकमान द्वारा राष्ट्रीय सचिव जितेंद्र बघेल को हरियाणा प्रदेश सह-प्रभारी नियुक्त किया गया है। बघेल की नियुक्ति से इस तरह के भी संकेत मिल रहे हैं कि प्रभारी की छुट्टी के साथ-साथ प्रदेश के लंबित मुद्दों पर भी जल्द फैसला लिया जा सकता है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता का फैसला अभी लंबित है। इसी तरह से मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान की जगह भी नये चेहरे को प्रदेश में कांग्रेस की कमान सौंपने की चर्चा है। नियुक्ति के साथ ही जितेंद्र बघेल ने प्रदेश में अपना काम भी शुरू कर दिया है। रोचक पहलू यह है कि जितेंद्र बघेल की नियुक्ति को लेकर किसी तरह का अधिकारिक पत्र सार्वजनिक नहीं किया गया। अंदरखाने ही उन्हें हरियाणा सह-प्रभारी बना दिया गया।
विगत दिवस ही प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान ने चुनावों में हार के कारणों के अलावा ईवीएम में कथित गड़बड़ का पता लगाने के लिए पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की पहली बैठक मंगलवार को नई दिल्ली में हुई। बैठक में सह-प्रभारी जितेंद्र बघेल भी मौजूद रहे। कमेटी सदस्यों में केसी भाटिया, आफताब अहमद, वीरेंद्र सिंह राठौर, जयवीर सिंह वाल्मीकि, विजय प्रताप सिंह, वीरेंद्र सिंह ‘बुल्ले शाह’ व मनीषा सांगवान सदस्य हैं।
दरअसल, चुनाव परिणाम के बाद दीपक बाबरिया ने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए खुद को काम करने में असक्षम बता दिया था। हालांकि न तो उन्हें हटाया गया है और न ही नया प्रभारी लगाया है। लेकिन अब जितेंद्र बघेल की नियुक्ति ने इन अटकलों को बल दे दिया है कि कांग्रेस जल्द ही नये प्रभारी की नियुक्ति कर सकती है। यह भी संभव है कि नया प्रभारी आने तक हरियाणा से जुड़े तमाम फैसलों में सह-प्रभारी जितेंद्र बघेल की ही मुख्य भूमिका रहे। कांग्रेस द्वारा चुनावों के दौरान ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी के आरोप लगा जा रहे हैं। कांग्रेस ने नतीजों को हाईकोर्ट में चुनौती देने की भी चेतावनी दी हुई है। दलाल कमेटी का गठन इसलिए किया है ताकि सभी प्रत्याशियों के साथ बातचीत करके फीडबैक जुटाया जा सके। उम्मीदवारों से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर पार्टी कोर्ट में जाने का निर्णय करेगी। दलाल कमेटी ने 9 नवंबर को नई दिल्ली में फिर से बैठक बुलाई है। इस बैठक में कांग्रेस टिकट पर चुनाव हारने वाले सभी प्रत्याशियों को बुलाया गया है। उनसे हार के कारणों के बारे में पूछा जाएगा।

जान-बूझकर खाद की किल्लत पैदा कर रही सरकार : हुड्डा

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी सरकार द्वारा जानबूझकर खाद की किल्लत पैदा की जा रही है। हुड्डा ने कहा कि बीजेपी का मकसद किसानों को घाटे में धकेलना है। यही वजह है कि 10 साल से सत्ता में होने के बावजूद बीजेपी सरकार कभी भी किसानों को समय पर पूरा खाद मुहैया नहीं करवा पाई। जब से भाजपा सत्ता में आई है, उसने किसानों को खाद और मंडी की कतारों में खड़ा कर रखा है। हर फसली सीजन में खाद्य केंद्रों पर किसानों को लंबी-लंबी कतारों में कई-कई घंटे, कई-कई दिन इंतजार करना पड़ता है। लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पाती। पिछले दस साल से किसानों के साथ यही गैर जिम्मेदाराना रवैया रहा है। उन्होंने कहा कि जब फसल बेचने का वक्त आता है, तब भी उन्हें कई-कई दिन इंतजार करवाया जाता है। लेकिन उन्हें एमएसपी नहीं दी जाती। थानों के भीतर खाद बांटने का दुर्भाग्यपूर्ण नजारा बीजेपी सरकार ने ही किसानों को दिखाया है। बावजूद इसके हैरानी की बात है कि सरकार द्वारा लगातार झूठे दावे किए जा रहे हैं। सरकार का कहना है कि खाद की कोई कमी नहीं है व उसके पास उचित मात्रा में खाद है। जबकि किसान एक-एक बैग खाद के लिए तरस रहे हैं। भीड़ और लंबी कतारों में फंसे किसान धक्का-मुक्की, हाथापाई पुलिसिया लाठीचार्ज के शिकार हो रहे हैं।
''कमेटी की दूसरी बैठक 9 नंवबर को नॉर्थ एवेन्यू स्थित फ्लैट नंबर-165 में होगी। इसमें सभी प्रत्याशियों से उनकी हार के कारणों पर राय ली जाएगी। बैठक में विधानसभा चुनाव में अधिकारियों और सरकार की भूमिका एवं ईवीएम के दुरुपयोग पर बात होगी। तमाम प्रत्याशियों से चर्चा के बाद कमेटी की रिपोर्ट को लेकर हरियाणा कांग्रेस कमेटी कोर्ट में जा सकती है।''  -करण सिंह दलाल, पूर्व मंत्री एवं कमेटी चेयरमैन
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