Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

भाजपा के ‘शेडो विधायकों’ को टक्कर देंगे कांग्रेस के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष

हरियाणा में संगठन युद्ध की शुरुआत, कांग्रेस करेगी बूथ स्तर पर मोर्चाबंदी
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

हरियाणा की राजनीति में दलों के बीच अब संगठनात्मक जंग खुलकर सामने आ रही है। भाजपा जहां 2024 विधानसभा चुनावों में हारी हुई 42 सीटों पर ‘शेडो विधायकों’ को उतारकर 2029 का ग्राउंडवर्क कर रही है। वहीं कांग्रेस अब राहुल गांधी की अगुवाई में अपने 32 जिलाध्यक्षों को फील्ड फाइटिंग की ट्रेनिंग दिलाने जा रही है। यह मुकाबला साफ इशारा करता है कि आने वाले सालों में प्रदेश की राजनीति महज चेहरों पर नहीं, बल्कि बूथ स्तर पर संगठन की पकड़ पर टिकेगी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जिलाध्यक्षों की ट्रेनिंग को लेकर पत्र जारी किया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इस ट्रेनिंग पहल को लीड करेंगे। दो चरणों में जिलाध्यक्षों की ट्रेनिंग होगी। हरियाणा के नवनियुक्त 32 जिलाध्यक्षों के साथ-साथ 24 अगस्त को नई दिल्ली में मध्य प्रदेश के जिलाध्यक्ष भी आमंत्रित किए हैं। पहले चरण में 24 अगस्त को नई दिल्ली के इंदिरा भवन में सुबह 9:30 से शाम 7 बजे तक ओरिएंटेशन व ट्रेनिंग होगी।

दूसरे चरण के तहत जिलाध्यक्षों का 10 दिन का रेजिडेंशियल ट्रेनिंग प्रोग्राम होगा। यह ट्रेनिंग कहां होगी और इसका क्या स्वरूप रहेगा, इसका निर्णय भी 24 की बैठक में ही होगा। बैठक में राहुल राहुल गांधी जिलाध्यक्षों को बताएंगे कि संगठन को बूथ स्तर तक कैसे मजबूत करना है। जनता के मुद्दों को सड़क से सदन तक किस तरह उठाना है और भाजपा की रणनीति का किस तरह मुकाबला करना है।

Advertisement

भाजपा की रणनीति : 2024 के विधानसभा चुनावों में 42 हारी हुई सीटों पर 12 मंत्रियों व 30 विधायकों को ‘शेडो विधायक’ बनाकर जिम्मेदारी दी है। इनका काम अगले पांच साल लगातार जनता से जुड़ाव बनाए रखना और जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करना है।

कांग्रेस की रणनीति : हाल ही में नियुक्त 32 जिलाध्यक्षों को एक्टिव करने के लिए दो-स्तरीय ट्रेनिंग प्रोग्राम। पार्टी का दावा है कि ये जिलाध्यक्ष संगठन की रीढ़ साबित होंगे और भाजपा को सीधे चुनौती देंगे। हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल के नेता और प्रदेशाध्यक्ष का फैसला भी होने वाला है।

दिखेगा अब सीधा टकराव

जिस तरह से दोनों पार्टियों की तैयारियां चल रही हैं, उससे स्पष्ट है कि हरियाणा में अब चुनाव महज़ प्रचार या चेहरों की लोकप्रियता पर नहीं, बल्कि संगठन की गहराई पर निर्भर होंगे। भाजपा ने शेडो विधायकों का प्लान बनाकर लंबी पारी खेली है। कांग्रेस यदि जिलाध्यक्षों को बूथ स्तर पर उतारने में सफल होती है, तो यह सीधा टकराव होगा। भाजपा की सबसे बड़ी ताकत उसका संगठन है। कांग्रेस लंबे समय से इसी मोर्चे पर पिछड़ी रही है। राहुल गांधी का यह कदम उस कमजोरी को दूर करने की कोशिश है। अब देखने वाली बात यह होगी कि जिलाध्यक्ष सिर्फ ट्रेनिंग तक सीमित रहते हैं या सचमुच फील्ड में उतरकर फर्क पैदा करते हैं।

ट्रेनिंग सभी के लिए अनिवार्य

कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद का कहना है कि सभी जिलाध्यक्षों के लिए ट्रेनिंग अनिवार्य होगी। 24 की ट्रेनिंग की तरह 10 दिन की रेजिडेंशियल ट्रेनिंग में भी सभी जिलाध्यक्षों को पहुंचना होगा। माना जा रहा है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों अब चुनावी तैयारियों को ‘लॉन्ग टर्म’ मोड में ले जा रहे हैं।

Advertisement
×