दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 7 जून
राज्यसभा चुनाव में हरियाणा कांग्रेस किसी तरह का जोखिम लेने में मूड में नहीं है। छह साल पहले हो चुकी गलती दोबारा न दोहराई जाए, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। विधायकों को वोटिंग प्रक्रिया की हर बारीकी से प्रशिक्षित किया जा रहा है। क्रॉस वोटिंग के खतरे के चलते छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मेफेयर लेक रिसोर्ट में ठहरे विधायकों के बीच मंगलवार को विपक्ष के नेता व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी पहुंचे। हालांकि शाम को हुड्डा वापस नई दिल्ली लौट गए। बताते हैं कि विधायक 10 जून को मतदान के दिन ही रायपुर से चार्टर्ड विमान से सीधे चंडीगढ़ में लैंड करेंगे।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह ने रायपुर में डटे विधायकों को बैलेट पेपर के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने पूरा डेमो करके दिखाया कि किस तरह से मतदान करना है। बैलेट पेपर भी उनके पास था। विधायकों को बताया गया कि बैलेट पेपर में तीन फोटो होंगे। नाम के हिसाब से सबसे पहले कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन का, दूसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी कृष्ण लाल पंवार का और तीसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा का नाम बैलेट पेपर में होगा।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल व वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला भी मौजूद रहे। शुक्ला दो दिन से रायपुर में डटे हुए हैं। यहां बता दें कि कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए भूपेश बघेल और राजीव शुक्ला को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। छह साल पहले हरियाणा में इसी तरह राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव हुआ था। उस समय भाजपा ने पहली सीट के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ़ बीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया था। दूसरी सीट पर भाजपा के समर्थन से सुभाष चंद्रा निर्दलीय प्रत्याशी थे। कांग्रेस के पास संख्या बल पूरा नहीं था। प्रमुख विपक्षी दल इनेलो के पास भी पर्याप्त विधायक नहीं थे। ऐसे में दोनों पार्टियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट आरके आनंद को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दूसरी सीट के लिए चुनावी रण में उतारा गया। इन चुनावों में हुड्डा ने वोट नहीं डाला था, वहीं रणदीप सिंह सुरजेवाला का वोट किरण चौधरी को दिखाने की वजह से रद्द हो गया था। कांग्रेस के 13 विधायकों के वोट पेन बदलने की वजह से रद्द हो गए थे। आखिर में सुभाष चंद्रा चुनाव जीतने में कामयाब रहे। रायपुर पहुंचे विधायकों को शक्ति सिंह ने बताया कि उन्हें केवल वही पेन यूज करना है तो निर्वाचन अधिकारी द्वारा उन्हें मुहैया करवाया जाएगा। साथ ही, उन्हें बताया गया कि मतदान के दौरान उन्हें अपना वोट केवल पार्टी के अधिकृत पर्यवेक्षक को ही दिखाना है। बाकी किसी भी नेता को वे वोट नहीं दिखा सकते। ऐसा करने पर उनका वोट रद्द हो सकता है। पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल भी रायपुर पहुंचे हुए थे। वे दूसरी बार रायपुर गए हैं।
दो-तीन वोट पर टिका पूरा चुनाव
हरियाणा में राज्यसभा का चुनाव दो-तीन वोट पर ही टिका है। कांग्रेस के पास दूसरी सीट के लिए पर्याप्त विधायक हैं। पार्टी को 30 विधायकों की जरूरत है और कांग्रेस के 31 विधायक हैं। वहीं भाजपा को पहली सीट के लिए 31 विधायक चाहिएं और उसके पास खुद के 40 एमएलए हैं। गठबंधन सहयोगी जजपा के पास 10 विधायक हैं। ऐसे में कार्तिकेय शर्मा के पास 19 का संख्याबल तो यहीं से पूरा हो रहा है। सात निर्दलीय विधायकों में से छह कार्तिकेय शर्मा के साथ हैं। सिरसा विधायक गोपाल कांडा भी समर्थन दे चुके हैं। ऐलनाबाद विधायक अभय सिंह चौटाला और महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू पर सभी की नज़रें लगी हैं। इन दोनों के वोट भी अगर कार्तिकेय को मिलते हैं तो फिर कार्तिकेय को जीत के लिए 2 और वोट जुटाने होंगे।
हुड्डा ने विधायकों संग किया लंच
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पांच दिन के बाद मंगलवार को रायपुर में विधायकों से मिले। इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने नई दिल्ली स्थित आवास पर विधायकों के साथ बैठक की थी। इसके बाद विधायक यहीं से रायपुर के लिए रवाना हो गए थे। दोपहर में ही हुड्डा रायपुर के रिसोर्ट में पहुंच गए थे और उन्होंने दोपहर का भोजन विधायकों के साथ ही किया।
कुलदीप की आज मुलाकात संभव
कांग्रेस हाईकमान से नाराज़ चल रहे आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई की बुधवार को राहुल गांधी से मुलाकात हो सकती है। राहुल के विदेश में होने की वजह से अभी तक मुलाकात नहीं हो पा रही थी। दरअसल, कुलदीप इस बात से नाराज़ हैं कि हुड्डा की सिफारिश पर पार्टी ने उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। इस पद के लिए वे खुद दौड़ में थे। उनके समर्थक तो यहां तक कहते हैं कि कुलदीप ने जब हजकां का कांग्रेस में विलय किया था तो टेबल पर उन्हें कई वादे किए गए थे, लेकिन उनमें से आज तक एक भी पूरा नहीं किया।
”हरियाणा का राज्यसभा चुनाव दो प्रदेशों की राजनीति को प्रभावित करेगा। छत्तीसगढ़ में भी चुनाव आने वाले हैं और हरियाणा में भी। उससे पहले लोकसभा के चुनाव हैं। ऐसे में कांग्रेस यह राज्यसभा सीट जीतकर भाजपा को कड़ा संदेश देगी। संख्याबल के हिसाब से कांग्रेस सीट जीत रही है लेकिन भाजपा ने अपनी ओच्छी राजनीति करते हुए निर्दलीय का समर्थन किया है।- ”
-भूपेश बघेल, सीएम छत्तीसगढ़
” हमारे पास पूरा समर्थन है। राज्यसभा सीट के लिए 30 विधायक चाहिएं और हमारे पास 31 हैं। कुलदीप बिश्नोई की कोई नाराजगी नहीं है। वे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उनकी राहुल गांधी से मुलाकात भी होने वाली है। रायपुर में पार्टी विधायकों का शिविर लगा हुआ है और मैं भी इसमें भाग लेने यहां पहुंचा हूं। ”
-भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व सीएम हरियाणा