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कांग्रेस में ‘वोट चोरी’ से ज्यादा अब ‘गिनती’ का डर!

अब हरियाणा के हर सांसद-विधायक को बताना होगा, कितने हस्ताक्षर जुटाए!

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राव नरेंद्र सिंह। -फाइल फोटो
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हरियाणा कांग्रेस में इन दिनों एक चिट्ठी ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने ‘वोट चोरी हस्ताक्षर अभियान’ पर जारी ताज़ा आदेश में साफ़ कर दिया है कि अब सिर्फ नारे नहीं, नंबर चाहिए। पार्टी के हर सांसद, विधायक और जिला पदाधिकारी को यह साबित करना होगा कि उन्होंने जनता तक जाकर कितने हस्ताक्षर जुटाए, और अभियान में उनकी वास्तविक भागीदारी क्या रही।पहले यह अभियान 15 अक्तूबर तक चलना था, पर अब इसे 30 अक्तूबर तक बढ़ा दिया गया है। इस संदर्भ में राव नरेंद्र सिंह की ओर से शुक्रवार को ही लेटर जारी किया गया। इस बढ़ी हुई तारीख के साथ कांग्रेस ने अपने नेताओं के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय कर दिए हैं। पत्र के मुताबिक, सांसद और लोकसभा उम्मीदवार को 15 हजार, विधायक व विधानसभा उम्मीदवार को 7 हजार तथा जिलाध्यक्ष (ग्रामीण) को 10 हजार और जिलाध्यक्ष (शहरी) को 5 हजार हस्तारक्ष करवाने होंगे।

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इसी तरह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) सदस्यों और विभाग प्रमुख को 10 हजार, पूर्व सांसद व पूर्व विधायक को 5 हजार, पूर्व चेयरमैन व मेयर को कम से कम दो हजार हस्ताक्षर इस अभियान के दौरान करवाने होंगे। अब हर फॉर्म सिर्फ एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि राजनीतिक रिपोर्ट कार्ड बन गया है। राव नरेंद्र सिंह ने दो-टूक कहा – ‘कांग्रेस को आंदोलन नहीं, संगठन चाहिए। जो धरातल पर काम करेगा, वही पार्टी का असली सिपाही होगा।’

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सीधे हाईकमान को जाएगी रिपोर्ट

अब तक जो नेता सिर्फ बयानबाज़ी या दिल्ली चक्कर तक सीमित थे, उन्हें सीधे जनता के बीच उतरने का आदेश मिल चुका है। कांग्रेस के अंदर इस कदम को नरेंद्र सिंह की नई सख्ती के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने न सिर्फ डेडलाइन बढ़ाई, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि जो नेता अपने टारगेट पूरे नहीं करेंगे, उनकी रिपोर्ट सीधे आलाकमान को भेजी जाएगी।

अब हर साइन की गिनती होगी

यह पहला मौका है जब कांग्रेस ने किसी राजनीतिक अभियान को इतने संगठित तरीके से संख्यात्मक लक्ष्य में बदला है। दरअसल, ‘वोट चोरी हस्ताक्षर अभियान’ को पार्टी ने अब एक ‘ग्राउंड सर्वे’ का रूप दे दिया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के निर्देशों पर यह मुहिम चल रही है। प्रदेशाध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि 30 अक्तूबर को जब प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पूरी रिपोर्ट पहुंचेगी तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन-सा नेता अपने इलाके में कितना सक्रिय है। कौन सा ब्लॉक या जिला संगठन कमजोर है।

कांग्रेस अब ढील नहीं देगी

हरियाणा कांग्रेस के भीतर यह चिट्ठी अब एक ‘सियासी कसौटी’ बन चुकी है। प्रदेश संगठन लंबे समय से गुटबाजी और निष्क्रियता से जूझ रहा था। अब राव नरेंद्र सिंह ने यह तय कर दिया है कि पार्टी को सिर्फ आवाज़ नहीं, ‘आंकड़ों में सबूत’ चाहिए। माना जा रहा है कि यह कदम कांग्रेस को आने वाले चुनाव से पहले एक ‘फील्ड ऑडिट’ देगा। इससे यह पता लग सकेगा कि कौन सा नेता मैदान में पसीना बहा रहा है और कौन सिर्फ फोटो खिंचवा रहा है।

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